ब्यूरो,
कांग्रेस ने पंजाब में एक बड़ा फेरबदल किया है, यहां पर कांग्रेस ने पार्टी की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को दी है. इधर राजस्थान कांग्रेस में भी अब सियासत गर्म होने लग गई है. यहां पर प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट भी अपने पद को वापस लेने की कोशिश करेंगे. क्योंकि पायलट डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही नाराज हैं. अब हाल ही में उनका एक बयान आया है कि पार्टी मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को कम से कम सम्मान तो दे.
मीडिया से बात करते हुए टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा जब राजस्थान में हमारी सरकार बनी तो हमारे मुद्दे अलग थे. अब हम चाह रहे हैं कि साल 2023 के चुनाव में हमें पिछली बार से अधिक लोगों का आशीर्वाद मिले. राजस्थान में सरकार होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी पहले 50 और बाद में 20 सीटों पर आई. इस बारें में हमने पार्टी से बात की है. जब में 6 साल से अधिक अध्यक्ष रहा तब कार्यकर्ताओं ने अपनी जेब से पैसे खर्च करे. बूथों पर लाठियां भी खाईं और उनके उपर केस भी लगे. ऐसे लोगों को पार्टी पद बेशक न दे लेकिन उन्हें सम्मान तो दे ही.
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाने वाले सचिन पायलट ही हैं, क्योंकि इनकी अध्यक्षता में ही पार्टी ने प्रदेश में जीत हासिल की थी. सचिन पायलट ने ही वसुंधरा राजे के हाथ से जीत छीनकर प्रदेश में कांग्रेस को जीत दिलाई थी. प्रदेश के लोगों का भी मन था कि पायलट मुख्यमंत्री बने लेकिन वह बनते-बनते रह गए थे.
जब कांग्रेस ने दिल्ली से अशोक गहलोत को बुलाकर सीएम की गद्दी पर बिठा दिया. इसका कारण यह भी था कि अशोक गहलोत अनुभवी थे और उस समय कांग्रेस महासचिव व राहुल गांधी की टीम में थे.