ब्यूरो :
पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के इशारे पर कश्मीर में सक्रिय तत्व घाटी में मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े नेताओं, मीडियाकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिटलिस्ट जारी किया करते थे। इसके बाद आतंकी एक-एक कर उन्हें निशाना बनाते थे। हिटलिस्ट की साजिश ब्लाग कश्मीरफाइट्स.वर्डप्रेस.काम के जरिये की जाती थी। ब्लाग पर ही धमकी देने से लेकर फतवे जारी किए जा रहे थे।
शनिवार को पुलिस ने कई जगह छापे मारकर ब्लाग चलाने वाले श्रीनगर नगर निगम के सचिव सोफी मोहम्मद अकबर अपनी बेटी, पुत्र व होने वाले दामाद के साथ मिलकर इस नेटवर्क का चला रहा था। इस मामले में सोफी और उसके परिवार के तीन सदस्यों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। इनमें से चार को श्रीनगर और एक को पुंछ में पकड़ा गया है। फिलहाल, इनसे पूछताछ कर उनके अन्य साथियों की तलाश जारी है। इन पांचों की गिरफ्तारी से पुलिस को पत्रकार शुजात बुखारी, एडवोकेट बाबर कादरी और स्वर्णकार सतपाल निश्चल की हत्या की गुत्थी के पूरी तरह हल होने की उम्मीद है।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) विजय कुमार ने बताया कि श्रीनगर, पुलवामा, जम्मू और पुंछ में विभिन्न जगहों पर पुलिस ने दबिश दी और कई घरों व कार्यालयों की तलाशी भी ली। इस दौरान ब्लाग चलाने वाले श्रीनगर के सनतनगर से नाजिश यासरब रहमानी व ताबिश अकबर रहमानी, राजबाग से सोफी मोहम्मद अकबर, बटपोरा से पीरजादा रफीक मखदूमी और पुंछ से जावेद खालिद को गिरफ्तार किया गया है।
आइजीपी ने बताया कि आरोपितों के ठिकानों की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मैमरी कार्ड व कई दस्तावेज मिले हैं। एक मकान की तलाशी के दौरान तो 32 मोबाइल फोन, एक टैबलेट, दो लैपटाप, चार हार्ड डिस्क, सात मैमरी कार्ड और एक डोंगल जब्त किया गया है।
आइजीपी ने बताया कि यह ब्लाग सफेदपोश आतंकियों द्वारा चलाया जा रहा था, जिसका काम ऐसे सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और राजनीतिक लोगों की हिटलिस्ट तैयार करना था, जो कश्मीर में पाकिस्तानी एजेंडे, आतंकी गतिविधियों और अलगाववादी तत्वों के मंसूबों को नाकाम बनाने का काम कर रहे थे। इस ब्लाग और इससे जुड़े लोगों का इरादा कश्मीर में पाकिस्तानी एजेंडे को मजबूत बनाना और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए जम्मू कश्मीर को देश से अलग कर पाकिस्तान में मिलाने की साजिश थी।
आइजीपी ने बताया कि सरगना समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी और बड़ी संख्या में मिले डिजिटल उपकरणों के बाद हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि पत्रकार शुजात बुखारी, एडवोकेट बाबर कादरी, ज्वेलर सतपाल निश्चल की हत्या की गुत्थी और इन हत्याओं के पीछे के मकसद का पूरा खुलासा होगा। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। बरामद डिजिटल उपकरणों को भी खंगाला जा रहा है, उनके डाटा का आकलन किया जा रहा है।
आइजीपी ने बताया कि उक्त ब्लाग पर पहले टारगेट किए गए व्यक्ति विशेष का नाम और प्रोफाइल का उल्लेख किया जाता था। इसके साथ ही बताया जाता कि वह क्यों आतंकियों के निशाने पर है और अंतत: वह व्यक्ति आतंकियों के हाथों मारा जाता था।
आतंकियों और अलगाववादियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले इस ब्लाग पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। यह ब्लाग अब भारत में नहीं देखा जा सकता। ब्लाग और इसके संचालकों के खिलाफ श्रीनगर के कोठीबाग पुलिस स्टेशन में बीते चार सालों में करीब चार बार एफआइआर दर्ज हुई है।सोफी मोहम्मद अकबर एक पूर्व आतंकी है और उसने मुख्यधारा में शामिल होने की आड़ में किसी तरह से श्रीनगर नगर निगम में नौकरी हासिल कर ली थी। इसके बाद वह पदोन्नति प्राप्त करते हुए सचिव के पद पर जा पहुंचा। श्रीनगर नगर निगम में उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये मूल्य की अचल संपत्ति भी जमा की। उसके अलावा उसकी बेटी एडवोकेट नाजिश यसराब रहमान और बेटा ताबिश अकबर रहमान भी पकड़े गए हैं। पुंछ से पकड़े गए जावेद खालिद के साथ एडवोकेट नाजिश यसराब की करीब डेढ़ माह बाद शादी होने वाली थी। राकिफ मखदूमी भी सोफी का करीबी है और उसने श्रीनगर नगर निगम के चुनावों में भी हिस्सा लिया था, लेकिन हार गया था। सोफी मोहम्मद अकबर को कश्मीर में अक्सर विवादों में रहने वाली एक संस्था द्वारा मार्च में आयोजित समारोह में सांसद चिराग पासवान के हाथों रियल हीरो एवार्ड-2021 सेे सम्मानित कराया गया था।
मामले की जांच से जुड़े सूत्रों की मानें तों पुलिस ने कुछ संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरू कर रखी थी। इस दौरान एक फोन नंबर मिला, जो कथित तौर पर आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। इस नंबर की जांच की तो पता चला कि वह नाजिश यसराब रहमान के नाम पर है। इसके बाद पुलिस नाजिश यसराब तक पुलिस पहुंची। कहा जाता है कि नाजिश को भी पता चल गया था कि वह संदेह के घेरे में आ गई है और उसने अपने नाम पर किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा सिमकार्ड निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले के तार कोट भलवाल जेल, जम्मू में दो दिन पहले हुई तलाशी से भी जोड़े जा रहे हैं। अलबत्ता, पुलिस ने नाजिश के मोबाइल फोन और कोट भलवाल जेल में तलाशी पर किसी तरह की पुष्टि नहीं की है।