उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जांच संख्या बढ़ाने के लिए अब एचआईवी जांच में इस्तेमाल की जाने वाली एबाट्स मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले चरण में एबॉट्स मशीन से किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय और मेरठ मेडिकल कालेज में 300-300 नमूनों की जांचें की जाएंगी। इन 600 नमूनों की जांच के लिए पांच हजार किट्स खरीदने के आदेश दे दिए गए हैं।
एक किट की कीमत करीब 1600 रुपये आंकी गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 80 लाख रुपये कोविड केयर फंड से मांगे हैं। चूंकि, किट्स भी जर्मन एबॉट्स कंपनी के पास है। इसलिए किट्स उसी कंपनी से मंगवाई गईं हैं। ऐसे ही एबॉट्स मशीन बीएचयू वाराणसी के पास भी है। केजीएमयू लखनऊ और मेरठ मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के मरीज़ों की जांच शुरू होने के बाद बीएचयू वाराणसी में दूसरे चरण से इस मशीन से जांच शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज़ों के नमूनों की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को अपने मेडिकल कॉलेजों के लिए अत्याधुनिक कोबास-68 मशीन की भी ज़रूरत है। इस मशीन के आने के बाद मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।