ब्यूरो,
दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्य लगातार वैक्सीन की किल्लत का दावा करते हुए वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने की मजबूरी जाहिर कर चुके हैं। हालांकि, अब नव नियुक्त स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने वैक्सीन की कमी से जुड़े बयानों को न सिर्फ निरर्थक बताया है बल्कि उन्होंने कहा है कि ऐसे बयान लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए दिए जा रहे हैं।
बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए वैक्सीन की किल्लत के दावों को खारिज किया। उन्होंने लिखा, ‘वैक्सीन की उपलब्धता के संदर्भ में मुझे विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से जानकारी मिली है। तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए दिए जा रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में 11.46 करोड़ वैक्सीन की डोज राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपपलब्ध कराए गए और जुलाई के महीने में इस उपलब्धतता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ किया गया है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जुलाई में राज्यों में वैक्सीन की कितनी डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी। इसके बाद 27 जून और 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले वह दूसरे पखवाड़े के लिए उन्हें हर दिन की वैक्सीन उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई। इसलिए राज्यों को यह अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में वैक्सीन डोज मिलेंगे। केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक वैक्सीनेशन का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।’
समस्या की वजह केंद्र नहीं राज्य खुद हैं!
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियां एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन और वैक्सीन लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है।