विश्व हिंदू परिषद ने उठाए यूपी की जनसंख्या नीति पर सवाल, कहा- दोबारा विचार करे योगी सरकार

विश्व हिंदू परिषद ने उठाए यूपी की जनसंख्या नीति पर सवाल, कहा- दोबारा विचार करे योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग की ओर से तैयार किए गए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर विश्व हिंदू परिषद और कुछ अन्य पॉप्युलेशन एक्सपर्ट संस्थानों ने सवाल उठाए हैं। यूपी सरकार की ओर से तैयार विधेयक में दो से ज्यादा बच्चों वालों को सरकारी नौकरियों और योजनाओं से बाहर करने का प्लान है। वहीं दो से कम बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने की भी बात कही जा रही है। इस पर ही विश्व हिंदू परिषद ने सवाल उठाया है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि एक बच्चे की नीति से समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए क्योंकि इससे आबादी में निगेटिव ग्रोथ होगी।

एक बच्चा नीति के खिलाफ है विहिप

सोमवार को वीएचपी की ओर से लिखित में विधि आयोग को आपत्ति सौंपी जा सकती है। इसमें बिल के ड्राफ्ट से एक बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने का प्रावधान हटाने की मांग की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के अलावा भी लैंगिक और जनस्वास्थ्य के एक्सपर्ट्स ने सरकार की ओर से तैयार विधेयक पर सवाल उठाए हैं। पॉप्युलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर पूनम मुतरेजा ने कहा कि देश या दुनिया का कोई भी डेटा यह नहीं कहा है कि भारत या फिर यूपी में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है। 

कम हो रहा है भारत में फर्टिलिटी रेट

यही नहीं मुतरेजा ने कहा कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट में कमी ही आई है। 1992-93 में भारत में फर्टिलिटी रेट 3.4 था, जो 2015-16 में घटकर 2.2 ही रह गया। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश भर का औसत 2.2 था, जबकि यूपी का 2.7 था। जो देशभर के मुकाबले अधिक है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2025 तक उत्तर प्रदेश में आबादी की ग्रोथ का औसत राष्ट्रीय स्तर के बराबर ही हो जाएगा। यूपी सरकार की नीति को लेकर महिला एक्सपर्ट्स ने भी चिंता जताई है। मुतरेजा ने कहा कि यूपी सरकार की ओर से पुरुषों और महिलाओं की नसबंदी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन आमतौर पर फैमिली प्लानिंग के उपायों का बोझ महिलाओं पर ही दिया जाता रहा है। 

महिलाओं की नसबंदी बढ़ने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर

ऐसे में सरकार की सख्ती के चलते महिलाओं की नसबंदी बढ़ सकती है और इससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर होगा। दरअसल कंडोम के कम इस्तेमाल और पुरुषों के फैमिली प्लानिंग की जिम्मेदारी न उठाने के चलते महिलाओं पर ही बोझ पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के तमाम उपायों के बीच पुरुषों की नसबंदी का औसत 1 फीसदी से भी कम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *