लखनऊ में आतंकियों के पकड़े जाने के बाद काशी में हाई अलर्ट

लखनऊ में आतंकियों के पकड़े जाने के बाद काशी में हाई अलर्ट, एटीएस कनेक्शन जांचने में जुटीं

\लखनऊ के काकोरी में एटीएस की ओर से आतंकियों मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन की गिरफ्तारी और पूछताछ में 15 अगस्त के पहले कई शहरों में विस्फोट कर दहलाने की साजिश के बाद काशी में भी हाईअलर्ट कर दिया गया है। आतंकियों के पास से कुकर बम, बम बनाने के उपकरण, विस्फोटक व असलहे बरामद हुए हैं। वाराणसी में पहले भी कुकर बम के जरिये दो जगहों पर विस्फोट कर 18 लोगों की जान ली गई थी। दर्जनों लोग जख्मी हुए थे।

बनारस में सात मार्च 2006 को कुकर बम के जरिये संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर दो बड़े धमाके किये गये थे। बनारस के बाद पहली बार लखनऊ में कुकर बम की बरामदगी से खुफिया इकाइयां अलर्ट हो गई हैं। वाराणसी में भी एटीएस और अन्य खुफिया इकाइयों ने सक्रियता बढ़ा दी है। संकटमोचन मंदिर में सात लोगों की जान चली गई थी। कैंट स्टेशन पर 11 मौतें हुई थीं। दोनों स्थानों पर 60 से 70 लोग घायल हो गये थे।

संवेदनशील क्षेत्रों, मंदिर व भीड़ वाले इलाके में निगरानी बढ़ी

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा पहले से ही हाईअलर्ट है। अब आसपास के क्षेत्रों के अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाटों, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। 15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के पहले लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यहां और अधिक सतर्कता है।  

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि कमिश्नरेट क्षेत्र पहले से हाई-अलर्ट है। लखनऊ में एटीएस की कार्रवाई के बाद यहां और सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। शहर में सभी होटलों और गेस्ट हाउस में औचक निरीक्षण, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी रखने को कहा गया है। सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से पूरे शहर पर निगरानी की जा रही है।

कई आतंकी हमले झेल चुकी है काशी

– 23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट पर धमाका हुआ था। इसमें सात लोगों की मौत हुई थी।  
– 7 मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन में आतंकी धमाका हुआ। इन दोनों धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी।  
– 23 नवंबर 2007 को वाराणसी कचहरी में ब्लास्ट हुआ था। घटना में वाराणसी में नौ लोगों की मौत हुई थी।
– 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर धमाका हुआ था। इसमें 2 लोगों की मौत हुई थी।

कचहरी में मिला था हैंड ग्रेनेड

साल 2010 के बाद तो कोई आतंकी घटना नहीं हुई लेकिन साल 2016 में कचहरी में एक अधिवक्ता के चैंबर के पास हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ था।

आंखों देखी

7 मार्च, 2006 को शाम करीब साढ़े छह बजे होंगे। आरपीएफ के तब उप निरीक्षक अनूप कुमार सिन्हा (अब शाहगंज में निरीक्षक) यहां प्लेटफार्म नंबर एक पर चेकिंग कर रहे थे। बताया, शिवगंगा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर लगी थी। दिल्ली की रात की ट्रेन में ठसाठस भीड़ होती थी। यात्रियों से हाल भरा था। ट्रेन छूटने से ठीक 10 मिनट पहले यात्री हाल में धमका हुआ तो पूरा भवन जैसे कांप गया। भागकर पहुंचे तो चारों ओर चीख-पुकार और कोहराम मचा था। उन्हें कुछ नहीं सूझा। फिर कुछ देर बाद समझ में आया कि अनहोनी हुई है। घायलों को ऑटो में लादकर अस्पताल भेजवाना शुरू किया। बताया कि मांस के टुकड़े छत में चिपक गये थे। जहां विस्फोट हुआ, पक्के फर्श पर एक फुट से अधिक गहरा गड्ढा हो गया था। जब विस्फोट हुआ था, तब काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट के बच्चे कलाकृतियां बना रहे थे। उस घटना में तत्कालीन स्टेशन अधीक्षक राधेश्याम दूबे भी घायल हुए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *