कोरोना में ट्रेंड बदला तो जी उठा कार्पेट उद्योग
कोरोना काल में लॉकडाउन से दुनियाभर के बाजार और उद्योगों पर काफी मार पड़ी है। तमाम उद्योग या तो बंद हो गए या फिर कंगाल होने की हालत में हैं। मगर इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने समय की मांग के साथ ट्रेंड बदला और फिर से जी उठे। ऐसा ही बदलाव कार्पेट उद्योग में भी देखने को मिल रहा है। दुनियाभर में महंगे कार्पेट की मांग घटी तो इन्होंने हाथ से बुने सस्ते कार्पेट की सप्लाई शुरू कर दी। नए ट्रेंड में भगवान की आकृतियों वाली वॉल हैंगिंग की डिमांड दुनियाभर से आ रही है।
तुर्की और बेल्जियम ने बढ़ाई दिक्कतें
भारत में बुने कार्पेट दुनियाभर में मांगे और सराहे जाते हैं। उत्पादन तेज करने के लिए यहां कुछ लोगों ने लूम से बुनाई भी शुरू कराई। कुछ दिनों तक लूम से बने कार्पेट की डिमांड रही मगर फिर तुर्की और बेल्जियम ने दिक्कतें बढ़ा दीं। यहां की डिजाइन और तकनीक लेकर वह मशीनों से ज्यादा तेज कार्पेट तैयार करने लगे। हालांकि भारत की हाथ से बुनी कार्पेट का अब भी दुनियाभर के निर्माताओं के पास कोई तोड़ नहीं है। हाथ से बुनी एक कालीन तैयार होने में छह महीने लग जाता है मगर इसकी बेहतरीन फिनिशिंग मशीन से नहीं आ सकती।