पीएम किसान: करीब 12 करोड़ किसानों के लिए खुशखबरी, जानें कब आएगी 9वीं किस्त
PM Kisan Latest Updates: इस समय पूर्वांचल में धान की रोपाई अपने अंतिम चरण में है। कुछ ही दिनों में खाद-पानी के लिए किसानों को पैसे की बड़ी जरूरत पड़ने वाली है। इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की 2000 रुपये की अगस्त-नवंबर की किस्त करीब 12 करोड़ किसानों के खातों में आने वाली है। पीएम किसान पोर्टल पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक 11.97 करोड़ किसान इस योजना में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। पीएम किसान की आठवीं किस्त के लिए मोदी सरकार अभी 31 जुलाई तक किसानों के खातों में पैसे भेजती रहेगी। अप्रैल-जुलाई की किस्त के लिए 10.39 करोड़ किसानों का FTO जेनरेट हुआ था और इनमें से 10.27 करोड़ किसानों के खातों में पैसा पहुंच चुका है, जबकि कुल 11.97 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
बता दें इस योजना के तहत मोदी सरकार अब तक 2000-2000 रुपये की 8 किस्तें जारी कर चुकी है। सालाना 6000 रुपये पाने के लिए बड़ी संख्या में किसान इस योजना से जुड़ रहे हैं। अगर आप इस योजना के लाभार्थी हैं या इसका लाभ लेना चाहते हैं तो ऐसे 10 सवाल हैं, जिनके बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
कौन ले सकता है लाभ?
पीएम किसान के तहत केवल उन्हीं किसानों को इसका फायदा मिलता है, जिनके कृषि योग्य खेती हो। अगर कोई इनकम टैक्स देता है तो उसे पीएम किसान सम्मान का लाभ नहीं मिल सकता। वकील, डॉक्टर, सीए आदि भी इस योजना से बाहर हैं।
क्या खेत नहीं है तो भी मिलेगा लाभ?
पीएम किसान सम्मान स्कीम का लाभ अब उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनके नाम पर खेत होगा। यानी कि पहले की तरह पुश्तैनी जमीन में हिस्सेदारी रखने वालों को अब इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
पीएम किसान में कैसे करें अप्लाई?
पीएम किसान के लिए अप्लाई करना बेहद आसान है। इस स्कीम में आप घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा आप पंचायत सचिव या पटवारी या स्थानीय कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये इस योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के बाद लिस्ट में कैसे देखें नाम ?
ऑनलाइन या किसी भी तरीके से आप योजना के तहत रजिस्टर्ड हो चके हैं तो आप पीएम किसान लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर जाना होगा। इसके होमपेज पर आपको Farmers Corner का ऑप्शन दिखाई देगा। इस सेक्शन के भीतर आपको Beneficiaries List के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। फिर आपको ड्रॉप डाउन लिस्ट से राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव को सेलेक्ट करना होगा।
कब-कब आती है पीएम किसान की किस्त?
हर वित्त वर्ष में पहली किस्त के रूप में 2000 रुपये 1 अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है। ये किस्तें किसानों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाती है।
क्यों अटक जाती है किस्त?
सरकार की तरफ से अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के बावजूद किसानों के अकाउंट में नहीं पहुंचते हैं। इसकी सबसे वजह आपके आधार, अकाउंट नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में गलती का होना हो सकता है। इसके अलावा बैंक खाते के नाम और आधार कार्ड पर दर्ज नाम की स्पेलिंग में मिसमैच करना या फिर गलत IFSC कोड का भरा जाना।
गलत आधार, IFSC कोड, अकाउंट नंबर को कैसे सुधारें?
अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं। इसके लिए आप ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं और नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कर पूरा प्रोसेस जानें।
हेल्पडेस्क के जरिए कौन-कौन सी समस्या दूर हो सकती है?
किसानों की समस्या को दूर करने के लिए पोर्टल में हेल्पडेस्क (Helpdesk) ऑप्शन खोल दिया गया है। इस साइट पर जाने के बाद किसान आधार कार्ड नंबर के जरिए अपना अकाउंट भी खोल सकते है। Helpdesk में क्लिक करने के बाद आप आधार नंबर, अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर डालने के बाद जो भी गलतियां हैं, उन्हें सुधार सकते हैं। जैसे आधार नंबर में सुधार, स्पेलिंग में गलती ऐसी तमाम गलतियों को ठीक किया जा सकता है.
पैसे नहीं आए तो कहां करें शिकायत?
सबकुछ सही होने के बावजूद अगर आपके खाते में पीएम किसान की किस्त नहीं आ रही है तो आप सबसे पहले अपने क्षेत्र के लेखपाल और कृषि अधिकारी से संपर्क करें। अगर आपकी बात ये लोग नहीं सुनते हैं तो आप सोमवार से शुक्रवार तक पीएम किसान हेल्प डेस्क (PM KISAN Help Desk) के ई मेल (Email) pmkisan ict@gov.in पर संपर्क कर सकते हैं। वहां से भी न बात बने तो इस सेल के फोन नंबर 011 23381092 (Direct HelpLine) पर फोन करें।
क्या अपात्रों से होगी वसूली?
जी हां। महाराष्ट्र, तेलंगना समेत कई राज्यों में लाखों अपात्र किसानों ने कई किस्तें उठा लीं। सरकार ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करके किसानों से पैसे भी वसूले।