गुरुग्राम में दो हजार भूखंडों का कब्जा प्रमाणपत्र रद्द करने की तैयारी, जानिए इसकी वजह
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने गुरुग्राम में सेक्टरों के भूखंड मालिकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एचएसवीपी के दोनों संपदा कार्यालय ने 2000 भूखंड मालिकों से तत्काल बकाया जमा कराने को नोटिस दिया था। अभी तक इन पर करीब 1000 करोड़ रुपये बढ़ा हुआ मुआवजा राशि (एन्हांसमेंट फीस) तथा जमीन लीज का किराया बकाया है। अब कब्जा प्रमाण पत्र रद्द करने से लेकर पानी-सीवर के कनेक्शन काटे जाएंगे।
संपदा अधिकारी के अनुसार, बकाया राशि को लेकर दिए गए नोटिस का समय पूरा हो चुका है। सात जुलाई से प्रवर्तन टीम सेक्टरों में कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बकाया राशि की वसूली को लेकर मुख्य प्रशासक के भी निर्देश हैं।
इन सेक्टरों में बकायादार : एचएसवीपी के संपदा कार्यालय-2 की ओर से बढ़ी हुई मुआवजा राशि को लेकर 906 भूखंड मालिकों को नोटिस दिए गए हैं। इसमें सेक्टर-27, 28, 42, 43, 46, 51, 52, 56, 57 आदि सेक्टर शामिल है। इसमें 41 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी भी शामिल हैं। इसी तरह जमीन लीज का किराया नहीं देने पर 200 वाइन शॉप मालिक, पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन मालिकों को भी नोटिस दिए गए हैं। इसके अलावा संपदा दफ्तर-1 की ओर से सेक्टर-9,9ए, 10, 10 समेत अन्य सेक्टरों के 800 भूखंड मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं। इसमें 12 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी शामिल हैं। इसके अलावा जमीन लीज का किराया नहीं देने वाले डेढ़ सौ से अधिक पेट्रोल पंप, दुकानों तथा सीएनजी स्टेशन मालिकों का बकाया किराया देने पर नोटिस दिया गया है। जिन पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।
जमा नहीं कराने पर कार्रवाई
संपदा अधिकारियों के अनुसार, सभी बकायेदारों को 17(1) के तहत नोटिस दिए गए हैं। इन सभी बकायेदारों को नोटिस देते हुए सख्त चेतावनी दी गई। यह भी कहा है कि नियमानुसार अगले नोटिस दिए जाएंगे। यदि नोटिस के 15 दिन बाद जवाब नहीं देंगे तो ऐसे बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे। इन्होंने बकायेदार भूखंड मालिकों से अपील की है कि वह बकाया रकम जमा कराएंगे तो एचएसवीपी के विकास कार्यों को तेजी से कराने में मदद मिलेगी।
वसूली के निर्देश
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण गुरुग्राम के प्रशासक जितेंद्र यादव ने बताया कि सेक्टरों में बकायादारों को नोटिस दिए गए हैं। दोनों संपदा कार्यालय एरिया में दो हजार अधिक भूखंड मालिक हैं। इन पर एन्हांसमेंट फीस से लेकर जमीन लीज का किराया बकाया है। इन पर एक हजार करोड़ रुपये चार सालों से बकाया है। बकायेदारों से वसूली करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
क्या होता है एन्हांसमेंट चार्ज
किसानों को जमीन के बदले मुआवजा दिया जाता है। किसान जमीन के सर्कल रेट से कम मुआवजा मिलने पर अदालत चले जाते हैं। सात से आठ साल बाद जब कोर्ट मुआवजा बढ़ाकर देने के लिए एचएसवीपी को आदेश देता है तो ये चार्ज प्लॉट मालिकों से लिया जाता है। इसे ही एन्हांसमेंट चार्ज कहा जाता है।
सहमति के बाद भी लागू नहीं
सेक्टर-43 के पूर्व आरडब्ल्यूए प्रधान संजीव लांबा ने कहा कि एन्हांसमेंट चार्ज की गणना को लेकर कई बार एचएसवीपी अधिकारियों से मुलाकात की गई। दो बार एन्हांसमेंट चार्ज कम करने पर भी सहमति बन गई थी, लेकिन मुख्यालय में जाते ही उस पर रोक लग जाती है। इससे सेक्टरवासी असमंजस में हैं। सरकार को इस पर स्थिति साफ करनी चाहिए।
सेक्टरों में जमीन के सर्कल रेट
सेक्टर-42, 43, 46, 51, 52, 56, 57 की जमीन का सर्कल रेट 40 हजार रुपये प्रति गज है। सर्कल रेट के अनुसार 100 गज के प्लॉट का 40 लाख रुपये बनता है, जबकि इन सेक्टरों की जमीनों का मार्केट रेट एक लाख रुपये से लेकर सवा लाख रुपये तक है।
”सेक्टरो में बकायेदारों को नोटिस दिए गए हैं। दोनों संपदा कार्यालय एरिया में दो हजार से अधिक भूखंड मालिक हैं। इन पर एन्हांसमेंट फीस से लेकर जमीन लीज का किराया बकाया है।” -जितेंद्र यादव, प्रशासक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, गुरुग्राम