बूढ़ी गंगा किनारे बसा हस्तिनापुर, महाभारत से जुड़ा है बड़ा इतिहास, जानें

मान्यता है कि यहां पर पांडव और भगवान श्रीकृष्ण खेलते थे. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग बताया जाता है. मंदिर में काफी पुरानी पांचों पांडवों की एक प्रतिमा भी मौजूद है. इस मंदिर में एक कुंआ भी स्थित है.

उत्तर प्रदेश के मेरठ से 48 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर शहर आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है. इस जगह का उल्लेख महाभारत में भी किया गया है. महाभारत से जुड़ी लगभग हर कथाओं में हस्तीनापुर का जिक्र है. धर्म नगरी की पहचान रखने वाला हस्तिनापुर ‘बूढ़ी गंगा’ के किनारे पर बसा है. हस्तिनापुर में महाभारत काल का पांडव टीला और दूसरे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं. ये स्थल आज भी महाभारत काल की याद ताजा करते हैं.

पौराणिक कथाओं की अनुसार इस शहर की स्थापना महाराज हस्ती ने की थी, उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम हस्तिनापुर रखा गया था. हस्तिनापुर में प्राचीन टीले के दक्षिणी-पश्चिमी किनारे पर एक प्राचीन पांडवेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. बताया जाता है कि इस मंदिर में पांडवों की रानी द्रौपदी पूजा के लिए जाया करती थी. इस मंदिर के परिसर में बहुत पुराने दो विशालकाय वृक्ष हैं.

पांडेश्वर महादेव मंदिर के अलावा हस्तिनापुर में करण मंदिर, कमल मंदिर और दिगम्बर जैन मंदिर स्थित हैं. (Image Credit : Meerut District official website)

मान्यता है कि यहां पर पांडव और भगवान श्रीकृष्ण खेलते थे. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग बताया जाता है. मंदिर में काफी पुरानी पांचों पांडवों की एक प्रतिमा भी मौजूद है. इस मंदिर में एक कुंआ भी स्थित है.

कुएं के पानी में स्नान करने से चर्म रोग होता है ठीक: प्राचीन पांडवेश्वर महादेव मंदिर में एक कुआं स्थित है. जिसको लेकर मान्यता है कि इस कुएं के पानी में स्नान करने से चर्म रोग भी ठीक हो जाता है. इस कुएं की खास बात यह है कि इसका पानी कभी कम नहीं होता. हालांकि सही रख-रखाव ना होने की वजह अब यह कुआं धीरे-धीरे खराब होने की स्थिति में आ गया है.

पांडेश्वर महादेव मंदिर के अलावा हस्तिनापुर में करण मंदिर, कमल मंदिर और दिगम्बर जैन मंदिर स्थित हैं. (Image Credit : Meerut District official website)

मान्यता है कि यहां पर पांडव और भगवान श्रीकृष्ण खेलते थे. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग बताया जाता है. मंदिर में काफी पुरानी पांचों पांडवों की एक प्रतिमा भी मौजूद है. इस मंदिर में एक कुंआ भी स्थित है.

कुएं के पानी में स्नान करने से चर्म रोग होता है ठीक: प्राचीन पांडवेश्वर महादेव मंदिर में एक कुआं स्थित है. जिसको लेकर मान्यता है कि इस कुएं के पानी में स्नान करने से चर्म रोग भी ठीक हो जाता है. इस कुएं की खास बात यह है कि इसका पानी कभी कम नहीं होता. हालांकि सही रख-रखाव ना होने की वजह अब यह कुआं धीरे-धीरे खराब होने की स्थिति में आ गया है.

हस्तिनापुर के मशहूर पर्यटक स्थल: पांडेश्वर महादेव मंदिर के अलावा हस्तिनापुर में करण मंदिर, कमल मंदिर और दिगम्बर जैन मंदिर स्थित हैं. यहां पर लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं. हस्तिनापुर जैन श्रद्धालुओं के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. वास्तुकला के विभिन्न अद्भुत उदाहरण एवं जैन धर्म के विभिन्न मान्यताओं के केंद्र भी यहां पर मौजूद हैं, जैसे जम्बुद्वीप जैन मंदिर, श्वेतांबर जैन मंदिर, प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर, अस्तपद जैन मंदिर एवं श्री कैलाश पर्वत जैन मंदिर आदि.

दिल्ली से हस्तिनापुर की दूरी: दिल्ली से हस्तिनापुर करीब 110 किलोमीटर दूर है. वहीं मेरठ से केवल 48 किलोमीटर की दूरी पर यह शहर बसा है. आप बस या फिर ट्रेन से हस्तीनापुर तक का सफर तय कर सकते हैं. बस के रास्ते दिल्ली से हस्तिनापुर पहुंचने में केवल 2 घंटे 21 मिनट का समय लगता है. अगर आप रेल से जाना चाहते हैं तो केवल 2 घंटे 17 मिनट में यह सफर तय कर सकते हैं.

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