कौशल प्रशिक्षण पर दिया गया बल – कपिलदेव अग्रवाल
लखनऊ। प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये उन्हें रोजगार दिलाने के सम्बन्ध में सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कौशल प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही इंडस्ट्री एसोशियेशन्स और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों से यह आग्रह भी किया कि वे समेकित प्रयासों से कैसे युवाओं के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं इस पर चिन्तन करें तथा ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने का प्रयास करें, जिससे ग्रामीण युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। उक्त बाते प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्री कपिलदेव अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अन्तर्गत उत्पादन व सेवा क्षेत्र से जुड़े हुए प्रमुख उद्योगों व बैंक प्रतिनिधियों के साथ CXO Meet के आयोजन मे बोली। कोविड प्रोटोकाॅल के कारण आमंत्रित अधिकारियों व प्रतिनिधियों द्वारा वर्चुअल प्रतिभागिता की गई।
सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, श्री आलोक कुमार तृतीय द्वारा अपने उद्बोधन में उपस्थित उद्योगों के प्रतिनिधियों से वर्तमान उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण की आवश्यकता पर चर्चा करने की अपेक्षा की गई ताकि मांग के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जा सकें।
मिशन निदेशक, उ0प्र0 कौशल विकास मिशन श्री कुणाल सिल्कू, द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। उन्होंने उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा प्रारम्भ किये गये सेवामित्र एप तथा काॅल सेन्टर सम्बन्धी प्रयासों के बारे में भी उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी।
संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय,भारत सरकार श्री चरणजीत सिंह, द्वारा इस बात पर जोर दिया कि गाँव व शहर के युवाओं की प्रति व्यक्ति आय के अन्तर को डीडीयू-जीकेवाई आदि योजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें सक्षम बनाकर कम किया जा सकता है। इनके द्वारा कौशल पंजी, व कैप्टिव इम्पलाॅयमेंट जैसे प्रयासों के बारे में भी अवगत कराया गया।
राइट वाॅक फाउडेशन की प्रतिनिधि सुश्री शमीना बानो के द्वारा एपे्रन्टिसशिप के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण प्रस्तुतिकरण करते हुए वर्तमान परिदृश्य में इसके महत्व के सम्बन्ध में अवगत कराया।
कार्यक्रम के दौरान एच सी एल, कोकाकोला, एक्सिस बैंक, हैला इण्डिया, डैन जो (ई-कामर्स पोर्टल), सीआईआई, एनएसडीसी, नेस्काॅम व मिण्डा काॅर्पोरेशन लि0 जैसी संस्थाओं के शीर्ष प्रतिनिधियों द्वारा 02 समूहों में पैनल चर्चा भी की गई। इस बिन्दु पर आम सहमति थीकि सरकार की निशुल्कः कौशल प्रशिक्षण देने की कोशिश दोनों पक्षों के लिये लाभकारी है। जहाँ उद्योगों को अपनी आवश्यकता के अनुरूप कुशल व प्रशिक्षित जनशक्ति सरकार की योजना से मिल रही है, वहीं प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है, जिससे वें अपने पैरों पर खड़े हो सकते है और अपनी व अपने परिवार की जीविका चला सकते हैं।
विभिन्न नियोक्ताओं द्वारा आने वाले समय में अपने यहाँ उपलब्ध होने वाले रोजगार की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी।चर्चा में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि ग्रामीण लाभार्थियों के व्यक्तित्व में अपेक्षित सुधार के लिए कौशल प्रशिक्षण योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
कोविड संक्रमण के कारण मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आई मंदी तथा हेल्थ वर्कस की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए बैठक में मुख्य रूप से उन क्षेत्रों को चिन्हित करने पर जोर दिया गया जहाँ प्रशिक्षित जनशक्ति की मांग है और रोजगार की अधिक संभावनायें हैं। इन क्षेत्रों में कस्टमाइज कोर्सेस चलाने की आवश्यकता भी बतायी गई। मिशन के साथ जुड़ी सलाहकार संस्था Grant Thornton द्वारा कार्यक्रम का समन्वय किया गया।