किसान आंदोलन: सरकार को टिकैत की दो टूक- दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती, फिर बड़ी क्राांति होगी
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को आज 7 महीने पूरे हो गए हैं। ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर समेत सभी प्रदर्शनस्थलों पर आज कई दिन बाद किसानों और सबसे ज्यादा चहल-पहल देखी जा रही है। किसान आज विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करेंगे। हालांकि किसानों का कहना है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।किसानों के आज के आंदोलन को देखते हुए पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। एहतियातन दिल्ली की ओर आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही है।
किसान करीब सात महीने से गाजीपुर बॉर्डर धरना दे रहे हैं और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को बंद कर रखा है और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सात महीने पूरा होने पर शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी इन सत्याग्रही अन्नादाताओं के साथ खड़ी है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”सीधी-सीधी बात है- हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारे लोगों को उपराज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया तो हम दिल्ली कूच करेंगे। हम कैसे जाएंगे इस पर हम अभी बैठक कर रहे हैं। हम उपराज्यपाल के पास जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे जिन पदाधिकारियों को पकड़ा हैं उन्हें या तो तिहाड़ जेल भेजो या फिर राज्यपाल से इनकी मुलाकात कराओ। हम आगे बताएंगे कि दिल्ली का क्या इलाज करना है। दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती है। लड़ाई कहां होगी, स्थान और समय क्या होगा यह तय कर बड़ी क्राांति होगी।
हरियाणा के पंचकूला में राज्यपाल आवास की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को किसानों ने एक तरफ धकेल दिया और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान तमाम सुरक्षा कर्मी मूक दर्शक बनकर देखते रह गए।
दिल्ली: किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर आज किसान राज्यपाल और उपराज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। इसको देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल निवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान आज देशभर में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे। किसान ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
– भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि आंदोलन को आज 7 महीने पूरे हो गए हैं, दो दिन से दिल्ली में काफी लोग आ रहे हैं। सरकार जब चाहे तब बातचीत शुरू कर सकती है। जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। महीने में दो बार लोग यहां बड़ी संख्या में ट्रैक्टर के साथ आएंगे। इस बार सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से ट्रैक्टर आए हैं।
– हरियाणा: पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा के पास राजभवन की तरफ मार्च के लिए किसान इकट्ठे हुए। DCP ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास पर्याप्त सुरक्षाबल हैं। आशा है कि आज के सभी कार्यक्रम बिना कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब किए होंगे।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान शनिवार को विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के सात महीने पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित ये ज्ञापन दिए जाएंगे।
टिकैत ने यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच यह घोषणा की। उन्होंने गाजियाबाद में दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर प्रदर्शन स्थल पर मुजफ्फरनगर से आए 100 ट्रैक्टरों की रैली का नेतृत्व करने के बाद किसानों को संबोधित किया। भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि यह केंद्र सरकार की हठधर्मिता का चरम है, यही वजह है कि किसान दिल्ली की सीमा पर गत सात महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि केवल गूंगी और बहरी सरकार ही इस तरह का व्यवहार कर सकती है।
तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर आज किसानों द्वारा देशभर के राजभवनों के बाहर ‘खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत धरने दिए जाएंगे। इस कड़ी में हरियाणा के किसान शनिवार को पंचकूला में इकट्ठे होकर चंदीगढ़ में हरियाणा राजभवन तक रोष मार्च निकालेंगे और राज भवन के बाहर धरना। इसके बाद किसानों की ओर से राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को रोष पत्र सौंपा जाएगा।
इस धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गुरुग्राम से किसान शुक्रवार शाम को ही पंचकूला के लिए रवाना हो गए। इसकी जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने दी। किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि सरकार ने जबर्दस्ती किसानों पर तीन काले कानून थोप दिए हैं। इससे पूंजीपतियों का पोषण होगा और किसान मजदूर गरीब आदमी का शोषण होगा। सरकार षडयंत्र रचकर किसानों के आंदोलन को तोड़ना चाहती है, जो संभव नहीं है।
दिल्ली में शनिवार को बंद रहेंगे 3 मेट्रो स्टेशन
दिल्ली मेट्रो ने किसान आंदोलन की आशंका के मद्देनजर येलो लाइन पर शनिवार को चार घंटे के लिए तीन मुख्य स्टेशन बंद रखने का निर्णय लिया है। शनिवार को किसानों के आंदोलन को सात महीने पूरे हो जाएंगे। दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर के अलावा टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में भी शनिवार को विरोध प्रदर्शन हो सकता है, इसलिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम और पुलिस ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा कदम उठाए हैं।
डीएमआरसी ने शुक्रवार रात को ट्वीट किया, “दिल्ली पुलिस के सुझाव पर, सुरक्षा कारणों से, येलो लाइन पर तीन मेट्रो स्टेशन- विश्वविद्यालय, सिविल लाइन्स और विधानसभा, कल (शनिवार) 26.06.2021 को जनता के लिए सुबह10 बजे से दोपहर दो बजे तक बंद रहेंगे।”
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी बताया कि विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए डीएमआरसी ने कुछ मेट्रो स्टेशन बंद रखने का निर्णय लिया है।