लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की मान्यता के बाद अब चिराग पासवान के चाचा और हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस पासवान लोकसभा में एलजेपी के संसदीय दल के नेता होंगे. लोकसभा अध्यक्ष से हरी झंडी मिलने के बाद अब पशुपति पारस अन्य बागी सांसद प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केशर के साथ चुनाव आयोग के लिए निकले हैं.
लोकसभा स्पीकर ने पशुपति पारस को दी मान्यता
पटना. लोजपा के पांच सांसद पशुपति पारस पासवान, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केशर के चिराग का साथ छोड़ने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल जारी है. ताजा अपेडट के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ने चिराग के चाचा और दिवंगत राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को एलजेपी के पार्टी संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. जिसके बाद पारस सभी सांसदों के साथ चुनाव आयोग के लिए निकल गए हैं जहां वे पार्टी पर अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं.
गौरतलब है कि बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में संसदीय दल के नेता चुना गया था. लोजपा के 6 में से पांच सांसदों ने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने के लिए कहा आग्रह किया था जिसे अब लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है. सूत्रों की मानें तो ये सभी सांसद अब जेडीयू का हाथ थाम सकते हैं.
इस घटनाक्रम को लेकर पशुपति कुमार पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वे पार्टी को तोड़ नहीं रहे बल्कि बचा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि चिराग से उन्हें कोई शिकायत नहीं है और वो चाहें तो लोजपा में रह सकते हैं. दूसरी ओर चिराग पासवान खुद अपने चाचा के यहां बातचीत के लिए पहुंचे थे लेकिन डेढ़ धंटा इंतजार करने के बाद भी उनकी अपने चाचा से मुलाकात नहीं हो पाई. अब आगे की कहानी चुनाव आयोग के हाथ में जहां के लिए पशुपति कुमार पारस निकल चुके हैं.