क्या है मल्टीपल ऑर्गन फेलियर, जानें इसके लक्षण और कारण

इम्यून सिस्टम से साइटोकिन्स का उत्सर्जन यानी उत्पादन होता है। साइटोकिन्स सेल्स यानी कोशिकाओं के विकास समेत अन्य कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही ये सेल्स को सूचना भेजकर इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखते हैं। इसके अलावा शरीर में ब्रैडीकिनिन प्रोटीन होते हैं।

नई दिल्ली, कोरोना महामारी के चलते लोगों में सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग सेहतमंद रहने के लिए सभी मापदंडों पर खड़े उतरने की कोशिश कर रहे हैं। सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान, रोजाना वर्कआउट, पर्याप्त नींद लेते हैं। साथ ही कोराना से बचाव हेतु सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन भी कर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो सेहतमंद रहने के लिए शरीर के सभी अंगों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। इनमें तकनीकी खराबी आने से कई बीमारियां आती हैं। खासकर शरीर के दो अंगों का एक साथ काम बंद कर देने से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसके लिए मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शरीर के दो या उससे अधिक अंग एकसाथ काम बंद कर देने की स्थिति को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर कहा जाता है। इसे मल्‍टीप्‍ल ऑर्गन डिसफंक्‍शन सिंड्रोम कहा जाता है। इससे इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली समेत संपूर्ण शरीर प्रभावित होता है।

मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण

इम्यून सिस्टम से साइटोकिन्स का उत्सर्जन यानी उत्पादन होता है। साइटोकिन्स सेल्स यानी कोशिकाओं के विकास समेत अन्य कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही ये सेल्स को सूचना भेजकर इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखते हैं। इसके अलावा, शरीर में ब्रैडीकिनिन प्रोटीन होते हैं। इनमें अधिकता होने पर मल्टीपल ऑर्गन फेलियर होता है। इस स्थिति में शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इससे शरीर में सूजन आने लगती है। साथ ही ब्लड क्लॉट भी बनने लगते हैं।

बचाव

विशेषज्ञों की मानें तो दिनभर पेशाब न आना, शरीर में थरथराहट, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में अत्यधिक दर होने की स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लापरवाही बरतने पर यह खतरनाक साबित हो सकती है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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