कोविड-19 महामारी के चलते टाले गए राज्यसभा और दो राज्यों के विधान परिषद चुनाव जून से पहले होना संभव नहीं है। इसके चलते राज्यसभा की 18 और विधान परिषद में बिहार की 17 एवं उत्तर प्रदेश की 11 सीटों के चुनाव के दावेदारों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इन सभी सीटों के पिछली बार चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो चुका है।
कोरोना संकट के चलते निर्वाचन आयोग ने गत तीन अप्रैल को आदेश जारी कर इन सभी सीटों के लिए चुनाव अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिए थे। इनमें महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के चुनाव भी शामिल थे, जिन्हें अब राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मांग के बाद कराया जा रहा है, क्योंकि वहां पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 27 मई तक किसी न किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। इसलिए निर्वाचन आयोग ने विशेष परिस्थितियों में वहां विधान परिषद चुनाव कराने की घोषणा की है। राज्यसभा और बिहार व उत्तर प्रदेश की विधान परिषद सीटों के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। कोरोना संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उसे देखते हुए जून महीने तक इन सीटों के लिए चुनाव हो पाना संभव नहीं दिख रहा है। इससे भी ज्यादा समय लग सकता है।
बिहार विधान परिषद की 17 सीटों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल छह मई को समाप्त हो गया है, वहीं उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 11 सीटें भी छह मई के बाद रिक्त हैं। राज्यसभा की 18 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया के बाद मतदान न होने कारण अभी तक लंबित हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की चार, झारखंड की दो, मध्य प्रदेश की तीन, मणिपुर की एक, राजस्थान की तीन, गुजरात की चार और मेघालय की एक सीट शामिल है।