कोरोना वायरस संकट ने पूरी दुनिया की रफ्तार को ब्रेक लगा दिया है। इसी बीच कोराना वायरस की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए बड़ा अभियान अब शुरू हो गया है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से संयुक्त अरब अमीरात में फंसे करीब 360 से अधिक प्रवासी भारतीयों की घर वापसी हो गई है। गुरुवार की देर रात एयर इंडिया के दो स्पेशल फ्लाइट्स से भारत के 363 प्रवासी नागरिक अबू धाबी और दुबई से केरल पहुंचे।
गुरुवार को एयर इंडिया की पहली फ्लाइट अबू धाबी से कोच्ची पहुंची और वहीं दूसरी फ्लाइट दुबई से कोझिकोड एयरपोर्ट पर पहुंची। बता दें कि भारत सरकार ने विदेश में फंसे प्रवासियों की घर वापसी के लिए वंदे भारत मिशन चलाया है, जिसके तहत यात्री विमान और नौसेना के जहाजों से उनकी घर वापसी कराई जा रही है।विमान से उतरते वक्त यात्रियों में कई वृद्ध, विकलांग या बच्चे थे। वतन वापसी पर कई के आंसू छलक पड़े और केरल पहुंचते ही कई को आंसू पोंछते देखा गया।
कोरोना वायरस संकट ने पूरी दुनिया की रफ्तार को ब्रेक लगा दिया है। इसी बीच कोराना वायरस की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए बड़ा अभियान अब शुरू हो गया है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से संयुक्त अरब अमीरात में फंसे करीब 360 से अधिक प्रवासी भारतीयों की घर वापसी हो गई है। गुरुवार की देर रात एयर इंडिया के दो स्पेशल फ्लाइट्स से भारत के 363 प्रवासी नागरिक अबू धाबी और दुबई से केरल पहुंचे। गुरुवार को एयर इंडिया की पहली फ्लाइट अबू धाबी से कोच्ची पहुंची और वहीं दूसरी फ्लाइट दुबई से कोझिकोड एयरपोर्ट पर पहुंची। बता दें कि भारत सरकार ने विदेश में फंसे प्रवासियों की घर वापसी के लिए वंदे भारत मिशन चलाया है, जिसके तहत यात्री विमान और नौसेना के जहाजों से उनकी घर वापसी कराई जा रही है।विमान से उतरते वक्त यात्रियों में कई वृद्ध, विकलांग या बच्चे थे। वतन वापसी पर कई के आंसू छलक पड़े और केरल पहुंचते ही कई को आंसू पोंछते देखा गया।
‘वंदे भारत’ मिशन के तहत अबू धाबी से आए पहले विमान में 181 प्रवासी भारतीय थे, वहीं दूसरी फ्लाइट में 182 यात्री थे जो दुबई से आए। अधिकारियों ने कहा कि सभी यात्रियों ने प्रस्थान से पहले हवाई अड्डे पर कोरोना वायरस एंटी-बॉडी टेस्ट करवाया है और सरकारी सुविधा में सात दिनों के लिए इन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।
नाम न जाहिर होने की शर्त पर कोच्चि फ्लाइट में एक गर्भवती महिला ने कहा कि मैं अपनी जगह पर आकर खुश हूं। भगवान का शुक्र है कि मैं अपनी पहली डिलीवरी के वक्त अपने माता-पिता के साथ रहूंगी। मैं सबकी आभारी हूं।’
बता दें कि गृह मंत्रालय ने कहा था कि आपात चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों एवं विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा। प्राप्त पंजीकरण प्रविष्टियों के आधार पर विदेश मंत्रालय ऐसे यात्रियों का उड़ान या जहाज के हिसाब से डाटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, गंतव्य और पीसीआर परीक्षण एवं उसके परिणाम की सूचना शामिल होगी।