कांग्रेस के दावों के बावजूद राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसका संकेत बुधवार को उस समय भी मिला जब पायलट के जयपुर आवास पर उनके समर्थक विधायकों का आना-जाना लगा रहा. वहीं एक भाजपा विधायक भी इस बीच उनसे मिलने जा पहुंचे.
जयपुर. राजस्थान की सियासत में एक बार फिर सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार की खबरें बाहर आने लगी हैं. यूपी में जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद सोशल मीडिया ट्रेंड में आए सचिन पायलट के जयपुर आवास पर गुरुवार को काफी हलचल देखने को मिली. सचिन के आवास पर राकेश पारीक, वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया समेत कई नेता तो उनसे मिलने पहुंचे ही, एक बीजेपी विधायक गुरदीप शाहपीणी ने पहुंचकर तो अटकलों को नई उड़ान दे दी.
हालांकि, भाजपा विधायक ने साफ किया है कि वे अपने व्यक्तिगत कार्य को लेकर पायलट से मिले थे जिसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं. वहीं बुधवार को सीएम अशोक गहलोत के समर्थन में बयान देने वाले पायलट खेमे के विश्वेंद्र सिंह भी अगले ही दिन सचिन पायलट के आवास पर मिलने पहुंच गए.
बुधवार को विश्वेंद्र सिंह ने कहा था कि वे गहलोत के साथ हैं क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें सीएम बनाया है. उन्होंने कहा था कि वे अशोक गहलोत के साथ हैं और सचिन पायलट के भी साथ हैं. वे दोनों के बीच सेतु का काम कर रहे हैं जिससे कांग्रेस बच जाए. विश्वेंद्र सिंह ने कहा था कि उन्होंने सचिन पायलट से बात की है और वे गुरुवार को उनसे मिलने भी जाएंगे. उन्होंने कहा था कि वे सीएम गहलोत और पायलट दोनों से मिलते रहते हैं
सचिन पायलट के पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट की पुण्यतिथि का हर साल दौसे में होने वाला कार्यक्रम इस साल कोरोना के कारण टाल दिया गया. हालांकि, सचिन और उनके कुछ विधायक दौसा के भंडाना जरूर जाएंगे. सूत्रों की मानें तो पुण्यतिथि पर अपने समर्थकों संग सचिन पायलट विधायकों की संख्या के हिसाब से अपनी ताकत भी सीएम गहलोत को दिखा सकते हैं.
पिछली साल सचिन पायलट ने जब बागी रुख अख्तियार लिया था तो गांधी परिवार ने बीच में आकर सबकुछ ठीक कर दिया था और सचिन पायलट शांत होकर वापस राजस्थान लौट गए थे. लेकिन उन्हें और उनके बागी साथियों को वो पद वापस नहीं मिले जिन्हें बगावत के दौरान छोड़ा गया था. उस समय कहा गया था कि सही समय आने पर मंत्रिमंडल फिर विस्तार किया जाएगा जिसमें पद छोड़ने वाले बागियों को फिर जगह दी जाएगी.
हालांकि, ऐसा नहीं हुआ जिससे भी सचिन पायलट की नाराजगी बढ़ती जा रही है. हाल ही में पायलट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जो उनसे कहा गया था अब वह होना चाहिए क्योंकि काफी समय हो चुका है.