लखनऊ के साथ ही तराई के पीलीभीत, लखीमपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, गोंडा और आस-पास के जिलों में भी सुबह-सुबह झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया. यह बारिश गन्ना, धान और आम की फसल के लिए लाभदायक है, लेकिन पिपरमिंट के किसान बारिश की वजह से परेशान जरूर नजर आ रहे हैं
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों तक मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहने वाला है. लगभग 15 जिलों में अगले कुछ घंटों में बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग (Met Department) के ताजा अनुमान के अनुसार, लगभग 15 जिलों में अगले कुछ घंटों में बारिश होने की संभावना है. इन जिलों में लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के तेज झोंके भी चलने का अनुमान है. कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है.
पूर्वांचल और तराई के इलाके में हल्की बारिश से और बादलों के छाए होने से बढ़ते तापमान से तो राहत मिलेगी, लेकिन बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के जिले को फिलहाल कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है.
अभी तक के अनुमान के मुताबिक, 12 जून से पहले पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड के जिले में बारिश की कोई संभावना नहीं है.
दक्षिण पश्चिम मानसून 11 जून को पूर्वांचल के रास्ते प्रदेश में दाखिल होगा. उसके पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड पहुंचने में 24 घंटे का समय लगेगा. इन जिलों को तभी राहत मिल पाएगी.
भले ही लखनऊ और आसपास के जिलों में हल्के बादल छाए हो लेकिन यह राहत लंबी नहीं है. दिन चढ़ने के साथ तेज धूप का सामना करना पड़ सकता है.