अलीगढ़ में मैरिस रोड निवासी प्रो नवाब इब्ने सईद छतारी एएमयू के सबसे पुराने पूर्व छात्र होने के साथ यूनिवर्सिटी कोर्ट, एग्जीक्यूटिव काउंसिल समेत कई बॉडी के सदस्य थे। ट्रेजरार के अलावा वह ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन के सचिव भी रहे। नवाब इब्ने सईद के परिवार का ताल्लुक छतारी से है। उनके पिता नवाब अहमद सईद खान छतारी आजादी से पहले हैदराबाद के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे।
उन्होंने मोहम्मडन एंग्लो कालेज (अब एएमयू) में पढ़ाई की थी। यूनिवर्सिटी की स्थापना में उन्होंने सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में टेनिस कोर्ट का निर्माण कराया है, जो उनके ही नाम पर है। एएमयू इतिहास के जानकार डॉ. राहत अबरार के अनुसार नवाब इब्ने सईद के दादा नवाब लुत्फ अली खान उर्फ छतारी 1877 में मोहम्मडन एंग्लो कालेज की स्थापना के समय स्वागत समिति के सचिव थे।
अध्यक्ष की जिम्मेदारी पंडावल के राजा बकार अली खान ने संभाली थी। वायसराय लॉर्ड लिटिन ने जब कॉलेज की स्थापना के समय टाइम कैप्सूल जमीन में संरक्षित किया तब नवाब लुत्फ अली खान ने सोने, चांदी व तांबे के सिक्के बोतल में रखकर उन्हें दिए थे। इन सिक्कों को भी जमीन में संरक्षित किया गया था। डॉ. राहत अबरार ने बताया कि नवाब इब्ने सईद छतारी ने अपने घर में व्यक्तिगत संग्रहालय बनाया था। जिसमें आजादी से लेकर अब तक की बहुत सी यादें संजोई हैं।