कोरोना संक्रमण ने कई हसंते-खेलते परिवारों की खुशियां उजाड़ दीं। ऐसे ही प्राइमरी शिक्षिका मधु बालियान का परिवार उजड़ गया। दो दिन में ही पति और पत्नी दोनों की मौत हो गई। घर में एक बेटा और बेटी रह गए जो अभी तक आर्थिक मदद मिलने की आस लगा रहे हैं।
शिक्षिका मधु बालियान प्राथमिक विद्यालय निस्तौली-1 लोनी में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थी। जो पंचायत चुनाव ट्रेनिंग के दौरान संक्रमित हो गई थी। वहीं उनके पति गंभीर सिंह बालियान भी बीमार चल रहे थे। जिनका 22 अप्रैल को निधन हो गया और शिक्षिका मधु भी 23 अप्रैल को कोरोना से जंग हार गई। इन विषम परिस्थितियों ने दो दिन में ही हसंते खेलते परिवार में गम का माहौल बना दिया।
बेटे अक्षांश ने बताया कि ऐसा कभी सोचा ना था मां और पापा ऐसे चले जाएंगे। दो दिन में दुनिया खत्म हो गई। उन्होंने बताया चुनाव ट्रेनिंग के दौरान मम्मी बीमार हुई थीं, जिसके बाद चुनाव में से ड्यूटी कटवाने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया। ड्यूटी तो कट गई लेकिन मम्मी कोरोना से जंग हार गईं।
इंजीनियर और डॉक्टर बनाने का सपना था
अक्षांश ने बताया मम्मी-पापा का मुझे इंजीनियर और बहन को डॉक्टर बनाने का सपना था। लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया। मैं अब बहन को डॉक्टर बनाकर मम्मी-पापा के सपने को पूरा करूंगा।
आर्थिक मदद नहीं मिली
अक्षांश ने बताया कि अभी वह अपने नाना-नानी के यहां रह रहे हैं। लेकिन अभी उन्हें किसी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिली है। अभी तक उनके परिवार के लोग ही मदद कर रहे हैं।
उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष सरकार डा. अनुज त्यागी ने कहा, ‘दिवंगत शिक्षकों को आर्थिक मदद देने की घोषणा तो की है। लेकिन दिवंगत शिक्षकों के परिवार को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिल सके।’