पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना संक्रमितों का ग्राफ तेजी से चढ़ रहा है। पिछले सौ दिनों में जिले में सर्वाधिक 287 कोरोना संक्रमित शुक्रवार को मिले हैं। यह संख्या 23 दिसंबर 2020 के बाद सबसे ज्यादा है, उस दिन 281 संक्रमित मिले थे। वहीं, राज्य में 662 नए संक्रमित मिले हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में यह संख्या सर्वाधिक है। मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि के बाद प्रशासन ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब दुबारा शहर में कंटनेमेंट जोन बनाए जाएंगे। वहां बैरिकेडिंग की जाएगी। शनिवार को इस पर निर्णय लिया जाएगा कि शहरी क्षेत्र के किन-किन मोहल्लों और गलियों में बैरिकेडिंग की जाए।
जिन इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाने पर विचार किया जा रहा है उसमें शास्त्रीनगर, पत्रकार नगर, रूपसपुर और फुलवारीशरीफ शामिल है। इसके अलावा जिन इलाकों में अधिक केस मिले हैं, उसमें कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड के इलाके हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग यहां सर्वे करा रहा है। सर्वे के आधार पर ही प्रभावित इलाकों में कंटेंनमेंट जोन चिह्नित किए जाएंगे। कोरोना फेज-2 में यह पहला मौका है जब प्रशासन को स्थिति बिगड़ने पर कंटेनमेंट जोन बनाना पड़ा है। इससे पहले माइक्रो कंटेनमेंट जोन ही बनाए जा रहे थे, जिसमें संक्रमित के घर पर पोस्टर लगाए जा रहे थे। अब इन इलाकों में भी बैरिकेडिंग की जाएगी।
अपार्टमेंट की हुई बैरिकेडिंग
शुक्रवार को जिला प्रशासन ने बेली रोड स्थित एक अपार्टमेंट की बैरिकेडिंग कर दी है। इस अपार्टमेंट में आठ संक्रमित मिले हैं। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि संक्रमण फैल रहा है। इसीलिए मास्क चेकिंग अभियान को और तेज किया जाएगा।
60 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित
प्रशासन का कहना है कि जो संक्रमित मिले हैं, उनमें 60 स्वास्थ्य सेवा से जुडे हुए हैं। ऐसे लोगों की केस स्टडी का अध्ययन करने के बाद पता चला कि वे मरीजों के उपचार में लगे हुए थे। इसके अलावा दो सौ लोग मरीजों के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हुए हैं। लंबे समय के बाद ऐसा हुआ है जब संपर्क में आने वाले इतने बड़े पैमाने पर संक्रमित हुए हैं। इसीलिए अब मरीज के आसपास रहने वाले कम से कम 30 से 40 लोगों की जांच कराई जा रही है।
अभिभावकों ने स्कूल बंद करने की मांग की
अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को संक्रमित लोगों में कुछ बच्चे के होने की भी सूचना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई है। इन बच्चों का पूरा विवरण लिया जा रहा है। कितने बच्चे बीमार हैं तथा उनकी ट्रैवल हिस्ट्री क्या है, इसकी जानकारी ली जा रही है। इधर, कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अभिभावक सहमे हुए हैं। अभिभावक शासन और प्रशासन से जूनियर क्लास को नहीं संचालित करने का अनुरोध कर रहे हैं। कई अभिभावकों ने सीएम से भी गुहार लगाई है। शनिवार को दानापुर में अभिभावकों ने कोरोना के बढ़ते मामले के बीच छोटी कक्षा संचालित करने के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
पैथोलॉजी संचालकों के साथ बैठक आज
कोरोना की जांच अधिक से अधिक हो इसीलिए प्रशासन की शनिवार को प्राइवेट पैथोलॉजी के संचालकों के साथ बैठक होगी। बैठक में पैथोलॉजी संचालकों से कहा जाएगा कि मरीज का मूल स्थान जहां है उसे ही अंकित करें। छानबीन में पता चला है कि राज्य के अन्य जिलों के मरीजों की रिपोर्ट पर भी पटना लिख दिया जा रहा है। इसे लेकर भ्रम की स्थिति हो जा रही है।