ग्रे लिस्ट से निकलने को छटपटा रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर धनशोधन और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए एक अतिरिक्त विधेयक लाने की जरूरत पड़ेगी। ‘द डॉन’ में मंगलवार को विशेषज्ञों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

एफएटीएफ ने आतंकियों पर ठोस कार्रवाई में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को जून 2018 में अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। ग्रे लिस्ट में उन देशों को शामिल किया जाता है, जिन्हें धनशोधन और आतंकी फंडिंग की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है। इसे लिस्ट में मौजूद देशों को काली सूची में डाले जाने की चेतावनी के तौर पर देखा जाता है।

एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए धनशोधन और आतंकियों का वित्तपोषण रोकने से जुड़ी 27 बिंदुओं वाली कार्ययोजना सौंपी थी, जिसे 2019 के अंत तक पूरा किया जाना था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह समयसीमा बढ़ती चली गई। अक्तूबर 2020 में हुई समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक की मोहलत देने का फैसला किया गया। बीते हफ्ते फ्रांस में हुई एफएटीएफ बैठक में पाकिस्तान के 27 बिंदुओं में से 24 को पूरा कर लेने की पुष्टि हुई। बाकी तीन मापदंडों को लागू करने के लिए उसे जून 2021 तक का समय दिया गया।
 इन तीन बिंदुओं पर काम करने की जरूरत

1.प्रतिबंधित व्यक्तियों/संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों को निशाना बनाकर आतंकी फंडिंग संबंधी जांच की गई और अभियोग चलाया गया

2.इन अभियोगों के चलते दोषियों पर बेहद प्रभावशाली और पर्याप्त प्रतिबंध लगाए गए

3.प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ वित्तीय पाबंदियों का प्रभावशाली क्रियान्वयन हुआ

-पाकिस्तान फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है, जिसके तहत उस पर संगठन की अतिरिक्त निगरानी है। अगर वह कार्यबल के 27 मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है। 
-एफएटीएफ की काली सूची में उन देशों को शामिल किया जाता है, जो धनशोधन और आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक जंग में सहयोग नहीं दे रहे हैं।

-पाकिस्तान को अगर एफएटीएफ की काली सूची में डाल दिया जाता है तो पहले से ही कमजोर उसकी अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचने की आशंका है। ‘द डॉन’ के मुताबिक पाक सरकार को बची हुई चिंताओं से निपटने के लिए विधेयक बनाने सहित अन्य कदमों में प्रगति को लेकर एफएटीएफ को एक महीने के भीतर अद्यतन रिपोर्ट भेजनी होगी।

 -अखबार की मानें तो पाक सरकार ने एफएटीएफ की अनिवार्यताएं पूरी करने के लिए बीते एक साल में करीब तीन दर्जन कानूनों में बदलाव किया है। वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख ने धनशोधन रोधी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की हालिया बैठक में एफएटीएफ समन्वय समिति के अध्यक्ष हम्माद अजहर और वित्तीय निगरानी इकाई से अतिरिक्त विधेयक के लिए तत्काल समयसीमा तय करने को कहा है।

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