राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को वित्त वर्ष 2021- 22 का बजट राज्य विधानसभा में पेश किया। इसमें उन्होंने कई नई घोषणाएं कीं, जिनमें राज्य के 25 जिला मुख्यालयों पर चरणबद्ध तरीके से नर्सिंग महाविद्यालय स्थापित करना शामिल है। गहलोत ने राज्य के पहले पेपरलेस बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि 2021- 22 में राज्य सरकार की सोच है कि सभी तबकों को साथ लेकर प्रदेशवासियों के जीवन को खुशहाल बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना ने अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया इसलिये वर्ष के दौरान अधिक वित्तीय संसाधन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘राइट टु हेल्थ विधेयक लाएगी तथा अगले साल 3,500 करोड़ रुपये की लागत से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा (यूनिवर्सल हेल्थ केयर) लागू करेंगे जिसमें हर परिवार को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध हो सकेगा। गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। राज्य सरकार का यह तीसरा बजट है।
जानकारों का मानना है कि इस बार का बजट सेक्टर वाइज घोषणाओं के साथ पेश हो सकता है, साथ ही सामाजिक व मेडिकल क्षेत्रों पर ज्यादा जोर दिया जा सकता है। राज्य के बजट के बारे में कई तरह की संभावनाएं सामने आ रही हैं, जिनमें सामाजिक, मेडिकल, रोजगार के अलावा एजुकेशन पर भी जोर दिया जा सकता है। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, हर जिले में कोविड टेस्ट लैब के साथ-साथ कुछ और नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा होने की संभावना है। साथ ही इनमें काम करने के लिए डॉक्टर्स और नर्सिंगकर्मियों के खाली पदों पर भर्ती की घोषणा भी संभव है।
शिक्षा के क्षेत्र में सूबे में समानीकरण के नाम पर बंद 25 हजार स्कूलों को फिर से चरणबद्ध तरीके से शुरू करने पर भी फैसला लिया जा सकता है तो वहीं, हर उपखंड स्तर पर अंग्रेजी मॉडल स्कूल खोलने की योजना घोषणा भी हो सकती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि, राज्य में खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर जल्द भर्ती का भी ऐलान हो सकता है।
राज्य में पेयजल एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण सरकार बजट में केंद्र की योजना “हर घर नल” के तहत पहले फेज में 1000 गांवों तक पानी पहुंचाने की घोषणा भी संभव है। साथ ही रियल एस्टेट, बस परिवहन, जयपुर मेट्रो और सूचना के अधिकार के आवेदन और जवाब को पूरी तरह ऑनलाइन बनाने की घोषणा भी संभव है।
इस बजट में सरकार किसानों को लेकर आश्वस्त दिखाई दे सकती है, जिसमें कि डिफाल्टर किसानों को सहकारी बैंकों से एक तय सीमा तक कर्ज देने पर छूट की घोषणा की जा सकती है। साथ ही किसानों के लिए व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा संभव। दूसरी तरफ किसानों को शॉर्ट टर्म फसली कर्ज देने का लक्ष्य बढ़ाया जा सकता है। सहकारी बैंकों से लांग टर्म कर्ज का दायरा भी बढ़ सकता है। जिस तरह किसानों द्वारा मंडी और बिलों को लेकर धरना हो रहा है, उसको देखते हुए सरकार से मंडी समितियों को जोड़ने के लिए गांवों में सड़कें बनाने की घोषणा की उम्मीद है।
साथ ही बजट में इस बार युवाओं के लिए अलग-अलग विभागों में 15 हजार के आसपास नई भर्तियों का ऐलान हो सकता है। वहीं, सिटी डेवलपमेंट के तहत शहरी क्षेत्रों में मकानों की जरूरत पूरी करने के लिए हाउसिंग बोर्ड की नई आवासीय योजनाओं की घोषणाएं भी संभव है। गौरतलब है कि पिछले साल गहलोत सरकार ने 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। तो इस बार कोरोना के चलते बजट में इजाफा होने की उम्मीद है।