ऋषिकेश की तरह बनारस में भी गंगा पर जल्द लक्ष्मण झूला बनेगा। यह झूला एक पाथवे के रूप में गंगापार से काशी विश्वनाथ धाम को जोड़ेगा। धर्मार्थ कार्य विभाग ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भी सौंपा है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद झूला निर्माण के लिए डीपीआर पर काम शुरू होगा। यह कॉरिडोर में प्रवेश के लिए दूसरा विकल्प बनेगा।
धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में फिलहाल ललिता घाट के पास से प्रवेशद्वार तैयार किया जा रहा है। गंगा के एक छोर पर स्थित खिड़किया घाट और दूसरे छोर पर स्थित अस्सी घाट से नाव के जरिए लोग ललिताघाट तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा घाटों से पैदल भी यहां तक आया जा सकता है।
जून के बाद गंगा में बाढ़ के दौरान नौकाओं का संचालन बाधित रहता है। इसलिए धाम में जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसको देखते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग ने निर्णय लिया है कि गंगा पार पड़ाव या डोमरी से सीधे ललिताघाट तक लक्ष्मण झूला की तर्ज पर एक पाथवे का निर्माण कराया जाए। धर्मार्थ कार्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए विदेशों से भी मॉडल लाया जाएगा, ताकि स्थानीयता के आधार पर पाथवे की डिजाइन बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारियों के मुताबिक झूले को इस तरह डिजाइन किया जाएगा ताकि जल परिवहन के दौरान जहाजों के या क्रूज के आवागमन में कोई दिक्कत ना आए। झूले की ऊंचाई को लगभग राजघाट और सामने घाटपुल के समानांतर रखी जाएगी। इसके लिए निजी कंसलटेंट की मदद ली जाएगी।
गंगा उस पार में पड़ाव और डोमरी के बीच रोड कनेक्टिविटी और पार्किंग के लिए जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है। धर्मार्थ कार्य मंत्री ने इस संबंध में प्रशासन से आसपास की जमीनों का ब्योरा लिया है। वह जल्द ही बैठक कर निर्णय लेंगे।