चुनाव आयोग ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से डाक मतदान प्रणाली (ईटीपीबीएस) की सुविधा योग्य प्रवासी भारतीय मतदाताओं को भी प्रदान की जाए। इसको लेकर अब प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को इस मामले में हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि चुनाव आयोग द्वारा विदेशी मतदाताओं को पोस्टल बैलट की सुविधा देने के प्रस्ताव से बड़े पैमाने हो सकता है। चुनाव आयोग को मेरा सुझाव है कि विदेश में अपने इस मिशन के लिए मतदान केंद्र स्थापित करे और कई अन्य देश ऐसा करते रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “खासतौर पर खाड़ी देशों में, कई भारतीयों को उनके पासपोर्ट जब्त कर लेने वाले मैनेजर्स द्वारा ले लिया जाता है।” “वहां काम करने वाले लोग अधिक दबाव में होते हैं, ऐसे में उनके पोस्टल बैलट आसानी से लाभ के लिए बेचे जा सकते हैं।” बता दें कि डाक मतदान प्रणाली (पोस्टल बैलट) की सुविधा अभी तक सैन्यकर्मियों के लिए उपलब्ध है।
दरअसल, आयोग ने कानून मंत्रालय में विधायी सचिव को 27 नवंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि सेना के मतदाताओं के मामले में ईटीपीबीएस के सफल क्रियान्वयन के बाद उसे अब भरोसा है कि यह सुविधा विदेशी प्रवासी मतदाताओं को भी दी जा सकती है। आयोग ने कहा कि असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव में इस सुविधा को देने के लिए चुनाव आयोग तकनीकी और प्रशासनिक रूप से तैयार है। इन राज्यों में अगले साल अप्रैल से जून के बीच में विधानसभा चुनाव होने हैं।
गौरतलब है कि, चुनाव आयोग को विदेशों में रहने वाले भारतवंशियों से बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि उन्हें डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा प्रदान की जाए, क्योंकि वे मतदान के लिए भारत में अपने मतदान क्षेत्र में नहीं आ सकते। एक तो इसमें बहुत खर्च होगा और वे अपनी नौकरी, शिक्षा या अन्य व्यस्तताओं के चलते भी उस देश को छोड़कर नहीं आ सकते।
कानून मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल की वजह से समस्या और जटिल हो गई है। इसलिए सभी सक्षम मतदाताओं को मताधिकार का मौका देने के लिए विकल्प तलाशने होंगे। वर्तमान में विदेशों में रहने वाले भारतीय उन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करने के लिए स्वतंत्र हैं, जहां वे मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। ईटीपीबीएस प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सैन्यकर्मियों को मतपत्र भेजा जाता है। वे इसे डाउनलोड करते हैं और एक विशेष लिफाफे में अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को भेजते हैं। नियम है कि यह मतपत्र निर्वाचन अधिकारी के पास मतगणना वाले दिन सुबह आठ बजे तक पहुंच जाना चाहिए।