सार्वजनिक स्थल पर या बंद परिसर में दुर्गा पूजा के दौरान 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की छूट नहीं होगी। जिला प्रशासन ने सड़कों-चौराहों से अलग स्थानों पर अधिकतम 45 फीट लंबे-चौड़े पूजा पंडाल बनाने और मनमाफिक विद्युत सजावट करने की छूट भी पूजा आयोजकों को दी है। अधिकतम पांच फीट की दुर्गा प्रतिमा की विसर्जन शोभायात्रा छोटे वाहनों पर निकाली जाएगी। विसर्जन यात्रा में अधिकतम दस लोग शामिल होंगे।
ये निर्णय बुधवार को जिलाधिकारी आवास पर दुर्गा पूजा समितियों की बैठक में लिए गए। शहर के अलग-अलग थानेदारों के अलग-अलग दिशा निर्देश देने से खिन्न पूजा समितियों ने डीएम कौशलराज शर्मा से बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। डीएम ने एसएसपी अमित पाठक की मौजूदगी में अपने निर्णयों की जानकारी समितियों के पदाधिकारियों को दी। एसएसपी इन निर्णयों की जानकारी सभी थानेदारों को देंगे ताकि अब कोई गलतफहमी न हो।
प्रवेश और निकास मार्ग अलग
बैठक में तय हुआ कि सभी पंडालों में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग बनाने होंगे। बिना मास्क और थर्मल स्कैनिंग कराए किसी को पंडाल में प्रवेश नहीं मिलेगा। पंडाल में भीड़ न रुके, इसकी जिम्मेदारी संस्था के सदस्यों की होगी। लाउडस्पीकर से कोरोना से बचाव की नियमित जानकारी प्रसारित करनी होगी। बिना चंदा लिए दुर्गा पूजा करने की स्थिति में समितियों ने बिजली बिल माफ करने अथवा न्यूनतम राशि लेने का अनुरोध किया।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- सार्वजनिक रूप से भोज आदि आयोजन पर प्रतिबंध, पैकेट में दे सकते हैं प्रसाद
- कन्या पूजन के लिए नौ से अधिक कन्याओं की अनुमति नहीं, पूजन करने वालों की संख्या होगी पांच
- 24 घंटे में थानों को देनी होगी प्रतिमा/कलश स्थापना, विसर्जन की तिथि और स्थल की क्षमता
- प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा में डीजे, अबीर-गुलाल भी प्रतिबंधित
- भीड़ से बचने को विसर्जन के लिए जाने और वापसी के अलग-अलग मार्ग होंगे