राजस्व आसूचना निदेशालय की वाराणसी इकाई ने लंका क्षेत्र के डाफी टोल प्लाजा से शनिवार भोर 13 कुंतल गांजा पकड़ा। इसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है। मक्के की बारियों में छिपाकर यह गांजा बंगाल के नंबर लगे ट्रक से प्रयागराज ले जाया जा रहा था। ट्रक चालक और खलासी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
पकड़े गये तस्करों के कनेक्शन बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बड़े तस्करों से हैं। बरामद गांजा भी आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सीमा से लाया जा रहा था। डीआरआई की वाराणसी इकाई ने इससे पहले अक्तूबर 2019 में लगभग 12 कुन्तल और इस वर्ष फरवरी में 20 कुंतल गांजे की खेप पकड़ी थी। डीआरआई को सूचना मिली थी कि एनएच के रास्ते गांजा की बड़ी खेप भदोही के गोपीगंज व प्रयागराज वाली है।
इस सूचना पर डीआरआई टीम शनिवार भोर में डाफी टोल प्लाजा पर पहुंची। वहां चेकिंग के दौरान एक ट्रक में सवार चालक और खलासी की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। उन्हें उताकर चेक किया गया तो मक्के की बोरियों के बीच गांजे के पैकेट छिपाकर रखे मिले। पकड़े गये तस्करों में एक बिहार का हृदयानंद और दूसरा उड़ीसा का भागीरथ सिंह है। डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि इनके संबंध बिहार के आरा, भोजपुर के अलावा उड़ीसा के बड़े ड्रग तस्करों से हैंI अधिकारियों ने बताया कि दोनों से पूछताछ में सिंडिकेट के बारे में पता चला है। जल्द ही उसका खुलासा किया जाएगा।