उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के समीपवर्ती ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों की उपलब्धता बनाई रखी जाए। स्कूलों के खुलने से पूर्व अभियान चलाकर स्कूली वाहनों की फिटनेस की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। ट्रैफिक के लिए अलग से व्यवस्था करते हुए पुलिस कर्मियों की भर्ती कराई जाए। साथ ही ओवर स्पीडिंग व गलत दिशा में ड्राइविंग रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं रोकने के लिए कार्य योजना बनायी जाए। परिवहन अथवा गृह विभाग इसका नोडल विभाग हो। सभी विभागों द्वारा संचालित की गई गतिविधियों की मुख्य सचिव के स्तर पर मासिक प्रगति समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक छमाही उनके स्तर पर भी समीक्षा की जाएगी।
कोविड से ज्यादा मौतें तो सड़क दुर्घटना में हुईं
मुख्यमंत्री ने कहा कोविड-19 से प्रदेश में अभी तक हुई जनहानि की तुलना में वर्ष 2019-20 में सड़क दुर्घटनाओं में तीन गुने से भी अधिक जनहानि हुई है। उन्होंने आगामी दीपावली पर्व से पूर्व सड़क सुरक्षा संबंधी एक अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
चयनित स्मार्ट सिटी में इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम पूरा किया जाए
सभी चयनित स्मार्ट सिटी में इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम जल्द पूरा किया जाए। इसे अपने संसाधनों से स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किए जाने वाले सात नगर निगमों में भी लागू किया जाए।
दुर्घटना से प्रभावित व्यक्तियों को जल्द से जल्द उपचार उपलब्ध कराने के लिए यूपीडा, यीडा, एनएचएआई की एम्बुलेंस को ‘108’ एम्बुलेंस सेवा के साथ इण्टीग्रेट किया जाए। उन्होंने परिवहन निगम द्वारा असेवित गांवों में बसों के संचालन की व्यवस्था के लिए तत्काल निर्णय लेकर कार्यवाही किए जाने के निर्देश भी दिए। ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) की स्थापना पीपीपी मोड पर करायी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन के लिए आवश्यक पुलिस कर्मियों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार भर्ती की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। प्रवर्तन की कार्यवाही सद्भावपूर्ण होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा बल के गठन की कार्यवाही प्रगति पर है। हाईवे पेट्रोलिंग में इस बल का उपयोग किया जाए।