उत्तर-पूर्वी दिल्ली को दंगों की आग में झोंकने के मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सात ऐसे वीडियो जुटाए हैं, जो अहम सबूत माने जा रहे हैं। पुलिस ने हाल में दाखिल अपनी चार्जशीट में इन सात वीडियो का हवाला दिया है। ये वीडियो ताहिर हुसैन के घर व छत के हैं जो 23 फरवरी से 25 फरवरी के बीच के बताए जा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कड़कड़डूमा कोर्ट में ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में तमाम लोगों को जहां दंगों की साजिश का हिस्सा बताया गया है, वहीं तत्कालीन निगम पार्षद का इलाके में प्रभाव व अपने समुदाय पर नियंत्रण दंगों को फैलाने की मुख्य कारण माना गया है।
पुलिस के मुताबिक, वीडियो से पता चलता है कि ताहिर हुसैन की छत से लोगों को नुकसान पहुंचाने की तैयारी पहले किस तरह की गई। इन वीडियो में ताहिर के नजदीकी साथियों को साफ देखा जा सकता है, जो बंदूक-गोली, तलवार-चाकू, तेजाब, पेट्रोल बम, पत्थर, लाठी-डंडे व अन्य खतरनाक सामान वहां जुटा रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने यह भी कहा कि ताहिर के साथियों को इस साजिश का हिस्सा नहीं माना गया है। ताहिर के साथियों को दंगे भड़काने का ही आरोपी बनाया गया है, क्योंकि असली साजिश का रचयिता ताहिर ही था। बाकी सब आरोपी उससे प्रभावित थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि ताहिर हुसैन का घर भजनपुरा से करावल नगर की तरफ मुख्य मार्ग पर होने की वजह से इस स्थान को दंगों के लिए अड्डा बनाया गया। यहां से हमला करना आसान था। ताहिर हुसैन का घर तीन मंजिला था। तीसरी मंजिल की छत पर पहले से दंगों का तमाम सामान मौजूद था। वहां अपने लोगों को चढ़ने की अनुमति दी गई। आस-पास कोई इतनी ऊंची इमारत न होने का फायदा दंगाइयों ने उठाया। छत से तेजाब में भीगे कपड़े में आग लगाकर मुख्य मार्ग पर फेंके गए। यहां तक कि तेजाब व पेट्रोल शीशी में भरकर फेंके गए। इससे कई पुलिसकर्मी तेजाब से झुलसे भी थे। ये सभी कृत्य इन सात वीडियो क्लीपिंग में साफतौर पर दिखने का दावा पुलिस ने चार्जशीट में किया है। चार्जशीट के मुताबिक, इन वीडियो में आरोपियों की आक्रामकता स्पष्ट दिख रही है।
आरोपी ताहिर हुसैन की दंगों से संबंधित तीन जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार को भी सुनवाई अधूरी रह गई। ताहिर हुसैन की तरफ से वरिष्ठ वकील के.के. मनन और वकील उदिति बाली ने दलीलें पेश कीं और अपने मुवक्किल को एक बड़ी राजनीतिक साजिश का शिकार बताया। वहीं, विशेष लोक अभियोजक मनोज चौधरी ने अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय ना होने की बात कही। इसके बाद दंगों के मामले को सुन रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने ताहिर हुसैन की तीनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तारीख तय की।