पटना से बड़ी खबर आ रही है। पीएमसीएच के गर्ल्स हॉस्टल में महिला डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली। एनेस्थीसिया की डॉक्टर शिवांगी इसी साल पीजी कंप्लीट की थी। संदिग्ध परिस्थितियों में सुबह में अपने कमरे में मृत पाई गई। परिवार बाईपास के निकट जकारियापुर में रहता था। सुबह फोन नहीं उठने पर चिंतित परिजन जब हॉस्टल पहुंचे तब घटना के बारे में पता चला। पुलिस हॉस्टल में पहुंच चुकी है।
इससे पहले मई2020 में सुपौल सदर थाना क्षेत्र के लोहियानगर में एक महिला डॉक्टर कविता (38) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसका शव कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला। डॉक्टर कविता जब सुबह 8 बजे तक नहीं जगी तो कविता की मां ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई। लेकिन काफी देर तक अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो पड़ोसियों वेंटिलेटर तोड़ कर अंदर झांका तो कविता का शव पंखे से लटकता दिखा। उसके गले में साड़ी का फंदा लगा हुआ था। कविता 2010 में रूस से एमबीबीएस की डिग्री लेकर लौटी थी। 2010 में ही उसकी शादी झारखंड के धनबाद जिले के सरायकेला थाना के हर्ष बिहार कॉलोनी के रहने वाले डॉ. नित्यानंद कुमार के साथ हुई थी। डॉ. कुमार फिलहाल रिम्स में पदस्थापित हैं। पिछले सात साल से पति-पत्नी के बीच अनबन चल रहा था। लगभग एक साल कविता अपने पिता के पास रहकर एफएमजीई (फोरेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जामिनेशन) की तैयारी में जुटी थी।
वहीं अप्रैल 2020 में भी भागलपुर के लालबाग कॉलोनी में पूर्णिया एक निजी अस्पताल में पदस्थापित फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर प्रियंका प्रियदर्शिनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वो अपने पिता के साथ तिलकामांझी थाना क्षेत्र के लालबाग कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थीं। डॉक्टर प्रियंका के पिता मुंगेर के कोड़ा बाजार दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शाखा के प्रबंधक हैं। महिला चिकित्सक पूर्णिया के मैक्स सेवन हॉस्पिटल में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर थीं और कुछ दिनों से पूर्णिया नहीं जा रही थी। सुबह देर तक जब बेटी सोकर नहीं उठीं तो जब परिजनों ने कमरे में झांका तो प्रियंका को पंखे से लटका पाया। जिसके बाद घरवालों ने शव को नीचे उतारा और फिर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर सदर डीएसपी राजवंश सिंह समेत तिलकामांझी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की। परिजनों के अनुसार डॉक्टर प्रियंका बीते कुछ माह से डिप्रेशन में थी।