नई दिल्ली, एजेंसी
- Last updated: Mon, 27 Apr 2020
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे दुनियाभर के देश धीरे-धीरे लॉकडाउन में राहत देने के कदम उठा रहे हैं। लेकिन, विशेषज्ञ इसको लेकर काफी चिंतित भी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि कोरोना का टीका बनने तक लॉकडाउन में छूट को सुरक्षित बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच करनी होगी ताकि संक्रमितों का पता लगाकर उन्हें पृथक किया जा सके।
भारत में रोज डेढ़ लाख टेस्ट हों: विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन में छूट के दौरान भी भारत में संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में जांच बढ़ाने की जरूरत है। आईसीएमआर के मुताबिक 26 अप्रैल तक देश में मात्र 6,25309 टेस्ट हुए हैं। अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ. फहीम यूनुस का कहना है कि भारत को एक महीने तक रोज डेढ़ लाख टेस्ट की जरूरत है।