प्रदेश सरकार ने इस साल जहां गोवध करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान कराया है, वहीं दंगा करने वालों से सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान की भरपाई कराने की भी व्यवस्था की है। सत्र में तकरीबन 16 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है। उन्हें सरकार ने कोरोना काल में विधानसभा सत्र न होने पर अध्यादेश के तौर पर लागू किया है। इनमें विधायक निधि स्थगित करने, मंत्री व विधायकों के वेतन में कुछ कटौती, कोरोना संक्रमण का इलाज करने वालों पर हमले की घटनाओं को रोकने जैसे कई निर्णयों से जुड़े विधेयक शामिल हैं।
यह सब निर्णय पिछले विधानमंडल सत्र के बाद कोरोना काल में लिए गए हैं। संवैधानिक बाध्यता के तहत इन्हें विधानमंडल की मंजूरी मिलना आवश्यक है। ऐसे में सरकार इन अहम मामलों से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा विधेयक 20 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा व विधान परिषद सत्र में पास कराएगी। इसके बाद इन पर राज्यपाल की मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद इन्हें अंतिम रूप से लागू माना जाएगा।
विधानमंडल से यह विधेयक कराए जाएंगे मंजूर
- उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
- कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
- कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020