गूगल ने लगभग सभी एंड्रायड उपकरणों के अपने क्लॉक एप में बेडटाइम मोड शामिल किया है। इसके जरिए यूजर अपनी सोने के शेड्यूल की निगरानी करने के साथ ही निर्धारित समय पर सोने और उठने का वक्त सेट कर सकेंगे। इसके अलावा वह अपने डिजिटल एक्सपोजर को भी सीमित कर सकेंगे। गूगल ने 11 अगस्त 2020 से एंड्रॉयड 6.0 और इससे ऊपर वाले उपयोगकर्ताओं के लिए फीचर को रोल आउट करना शुरू किया है।
एक प्रोडक्ट ब्लॉग में गूगल ने कहा है कि बेडटाइम मोड आपके सोने के वक्त में स्मार्टफोन को ‘डार्क और क्वाइट’ रखने में सक्षम होगा, ताकि सुकून के उन घंटों में किसी नॉटिफिकेशन की आवाज आपकी नींद में खलल न पड़े। ब्लॉग में कहा गया है कि जिन यूजर की डिवाइस में गूगल का डिजिटल वेलबींग एप इंस्टॉल है, वो भी एप में इस बेडटाइम मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बेडटाइम मोड में उपयोगकर्ता स्पॉटिफाई, काल्म या यूट्यूब म्यूजिक में से स्लीपिंग ट्यून भी सेट कर सकेंगे। यदि आपको सोने में परेशानी होती है तो आपकी पसंद का एक गीत निर्धारित समय सीमा तक चलेगा, ताकि आपको सोने में मदद मिल सके।
दूसरी ओर अगर आप अपने अलार्म से भयभीत महसूस करते हैं तो आप सनराइज अलार्म एप का उपयोग कर सकते हैं जो कर्कश या तेज अलार्म ध्वनियों की तुलना में अधिक धीरे से जगाने के लिए ‘विजुअल क्यूज’का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा आप अपने पसंदीदा गाने को भी अलार्म ट्यून के तौर पर सेट कर सकते हैं। शुरुआत में बेडटाइम फीचर सिर्फ पिक्सल यूजर के लिए उपलब्ध था। फीचर के विस्तार के साथ गूगल उपयोगकर्ताओं के लिए प्राकृतिक नींद और ध्वनि नींद पैटर्न लाने की तैयारी में है।