बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़े सियासी उठापटक के संकेत मिल रहे हैं। राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस ले सकती है। पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पार्टी सूत्रों की मानें तो जेडीयू के सीनियर नेता ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान किया है और इसी वजह से पार्टी ऐसा कर सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा से गुरुवार को मुलाकात की और इस मुद्दे समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद चिराग पासवान ने शनिवार को लोजपा के पटना कार्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई।
इस बैठक में ललन सिंह के बयान पर गंभीरता से चर्चा हुई। उसी बैठक के बाद कहा जा रहा है कि लोजपा नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस ले सकती है। गौरतलब है कि ललन सिंह ने हाल ही में चिराग पासवान पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वह कालिदास की तरह वह एक पेड़ की उसी शाखा को काट रहे हैं, जिस पर वह बैठे हैं।
एक लोजपा नेता ने कहा कि ललन सिंह ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है। हम नीतीश कुमार सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकते हैं। बता दें कि 243 सदस्यी बिहार विधानसभा में लोजपा के पास महज 2 सीटें हैं।
चिराग पासावना ने आज होने वाली बैठक की सूचना मीडिया को नहीं देने की हिदायत भी दी है। इस तरह पहली बार बिना सूचना चिराग के पटना आने और अचानक बैठक बुलाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है चिराग चुनाव को लेकर शनिवार को कुछ अहम फैसला ले सकते हैं। इसके पहले भी वह जरूरत पड़ने पर सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। अगर, लोजपा अपना समर्थन वापस ले भी लेती है तो सरकार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, मगर आगामी विधानसभा चुनाव में इस पर सियासत खूब होगी।