बुलन्दशहर में 8 दिन पहले हुए लापता वकील धर्मेंद्र चौधरी की अपहरण के बाद हत्या की गई और उसके शव को मार्बल के गोदाम में बने बोरबेल के कुएं में डालकर जला दिया गया।
मार्बल व्यापारी के ऊपर मृतक का 81 लाख रुपया बकाया था।
पुलिस 8 दिन की मशक्कत के बाद मामले की तह तक पहुँच पायी।
कहीं पैसे का लेन देन जान की आफत ना बन जाए।
बुलंदशहर की इस घटना से समाज में सभी को सीखने व सावधान रहने की आवश्यकता है।
संदिग्ध परिस्थितियों में लापता अधिवक्ता का शव मिला
टाइल्स व्यापारी ने अपने नौकरों के साथ मिलकर की थी हत्या
अधिवक्ता की गुमशुदगी एसएसपी के लिए बन गई थी चुनौती
बुलंदशहर । खुर्जा की गुलशन बिहार कॉलोनी से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी का शुक्रवार देर रात उसी के एक दोस्त के टाइल्स शोरूम से शव बरामद हो गया । टाइल्स व्यापारी ने अपने दो नौकरों के साथ मिलकर अधिवक्ता की लेन-देन के विवाद में हत्या की थी और शव को अपने शोरूम में गड्ढे में दबा दिया था ।
अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी 25 जुलाई की देर शाम से लापता हो गए थे । उनकी बाइक अगले दिन सुबह गांव खबरा के जंगल में लावारिस हालत में पड़ी मिली थी । एसएसपी ने अधिवक्ता की तलाश में जंगलों में काम्बिंग कराई और ड्रोन कैमरा का सहारा लिया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी ।
एसएसपी संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर एसपी क्रांइम शिवराम यादव और एसपी देहात हरेंद्र सिंह खुर्जा में ही कैंप किए हुए थे । अधिवक्ता की गुमशुदगी एसएसपी के लिए चुनौती बन गई थी ।
इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली थी कि अधिवक्ता का वैशाली कॉलोनी निवासी अरुण कुमार उर्फ विक्की के यहां आना जाना है । उसका टाइल्स का शोरूम है और 25 जुलाई की शाम अधिवक्ता की उसके यहां जाने की सीसीटी कैमरे की फुटेज से पुष्टि हुई, लेकिन वापस लौटने की कोई पुष्टि नहीं हुई । पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि विक्की ने अधिवक्ता से 50 लाख रुपए 4% की दर से ब्याज पर ले रखा था और ब्याज की राशि 10 लाख रुपए तक पहुंच गई थी, संदेह पुष्ट करने के लिए पुलिस ने विक्की से पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को कहा तो वह इसके लिए राजी हो गया, लेकिन 31 जुलाई को ट्रुथ लैब, दिल्ली पहुंचने पर विक्की ने खुद को बीमार बताकर पॉलीग्राफ टेस्ट से मना कर दिया, जिससे पुलिस की शक की सुई विक्की पर और गहरा गई ।
पुलिस ने विक्की व उसके नौकर हकीमुद्दीन और अमित को लेकर सख्ती से पूछताछ की तो हकीमुद्दीन ने सच उगल दिया। पूछताछ में बताया कि 25 जुलाई की रात विक्की ने अधिवक्ता को खाना खाने के लिए टाइल्स शोरूम पर बुलाया था और वही तीनों ने मिलकर उसकी गला घोटकर हत्या करके शव शोरूम में पीछे की तरफ बने पक्के गड्ढे में डालकर जलाकर टाइल्स से ढक दिया था।
पुलिस ने शुक्रवार देर रात हकीमुद्दीन की निशादेही पर टाइल्स शोरूम से शव को बरामद कर लिया।
अत्यंत महत्वपूर्ण यह है,कि कतिपय समाचार माध्यमों द्वारा बुलंदशहर में हुई एक हत्या में अपहरण और फिरौती की बात कही जा रही है, जो सत्य नहीं है, तथ्य ये हैं कि मृतक अपने जिस करीबी मित्र के साथ प्रापर्टी व सूद ब्याज का कारोबार करते थे, उसी ने घर में हत्या कर लाश छुपा दी थी, इस करीबी मित्र के साथ रोज का उठना बैठना था, ये मित्र लगातार पुलिस के साथ घूमता रहा, मृतक के परिजन तक ये मानने को तैयार नहीं थे कि वह ऐसा कर सकता है, वह तब पकड़ा गया जब लाइ डिटेक्टर से भागने लगा।
इस घटना में ना तो अपहरण हुआ, ना फिरौती की कोई काल आई, ना कोई आपराधिक गिरोह इस घटना में शामिल था-