बिहार के शहरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर एंटीजन टेस्ट से 10 से 25 मरीजों की ही जांच की जा रही है। प्रदेश भर में कई सेन्टरों पर पानी जमा होने या कर्मियों के संक्रमित होने से जांच प्रभावित हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ऐसे में जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जांच की संख्या भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, ताकि मरीजों को ऑन डिमांड जांच की सुविधा नजदीकी अस्पताल में मिल सके। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी राज्य में 10 हजार सैम्पल की औसत जांच की जा रही है। इसे बढ़ाकर 20 हजार किया जाना है।
राज्य में कोरोना संक्रमितों की पहचान में तेजी लाने और जांच की संख्या बढ़ाने के लिए 50 हजार एंटीजन रैपिड टेस्ट किट की खरीद की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने 50 हजार एंटीजन किट की खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। साथ ही केंद्र सरकार से भी एंटीजन किट की आपूर्ति की मांग की गई है।
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एंटीजन से जल्द ही संक्रमण की पहचान होने से कोरोना पीड़ित को आइसोलेट करने में आसानी हो जाती है। वहीं, राज्य के 534 प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर कोरोना के संक्रमण की प्रारंभिक जांच की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। इससे ग्रामीण इलाकों में प्रखंड स्तर पर मरीजों की पहचान हो जाएगी। लक्षणात्मक और बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर वहीं आइसोलेशन सेंटर में इलाज शुरू किया जा सकता है।