सचिन पायलट ने अपने ऊपर भाजपा में जाने के लिए पैसों की पेशकश करने के आरोप लगाने वाले कांग्रेस के विधायक को कानूनी नोटिस भेजा है। पायलट के करीबी सूत्रों ने मंगलवार (21 जुलाई) रात बताया कि पायलट की ओर से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा गया है। पायलट का कहना है कि विधायक ने उनके खिलाफ झूठे और द्वेषपूर्ण बयान दिए।
कांग्रेस विधायक मलिंगा ने सोमवार (20 जुलाई) को आरोप लगाया था कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में चर्चा की थी और इसके लिए धन की पेशकश भी की थी। पायलट ने इस आरोप को ‘आधारहीन व अफसोसजनक’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा था कि विधायक से यह बयान दिलवाया गया है और वह उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।
दूसरी ओर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया। अदालत शुक्रवार को सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों की याचिका पर उपयुक्त आदेश जारी करेगी। विधानसभा अध्यक्ष के वकील ने इस बारे में बताया। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आग्रह पर सहमति जतायी और अयोग्यता नोटिस पर अपना फैसला शुक्रवार शाम तक के लिए टाल दिया।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंड पीठ ने मंगलवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की अंतिम दलीलें सुनीं और इसके बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ का जवाब भी सुना। कामथ ने दलील दी कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने से इंकार करने के चलते विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा 2(1)(ए) के तहत अयोग्य ठहराए जाने का आचरण किया।
उन्होंने कहा कि 10वीं अनुसूची सदन के बाहर के आचरण पर लागू होती है। उन्होंने 10वीं अनुसूची पर संसदीय समिति की रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि पार्टी अनुशासन तोड़ने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। मामले में मंगलवार को दलीलें सुनी गईं और यह संपन्न हो गईं। सभी पक्षों को शुक्रवार तक लिखित में अपनी दलील पेश करने को कहा गया है।