कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। इसके अलावा उनके गुट के 2 मंत्रियों को भी अशोक गहलोत कैबिनेट से हटा दिया गया है। साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी पायलट की छुट्टी कर दी गई है। पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजे गए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह घोषणा की है। सुरजेवाला ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि किसान के घर में जन्मे और ओबीसी समाज से आने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को यह जिम्मेदारी दी गई है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट और उनके कुछ मंत्री साथी बीजेपी के षड्यंत्र में भटकर कर कांग्रेस पार्टी की चुनी गई सरकार को गिराने का साजिश कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। इसलिए बड़े दुखी मन से कांग्रेस पार्टी ने कुछ फैसले लिए हैं। सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह को और रमेश मीणा को उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद से हटाया जा रहा है। विश्वेन्द्र सिंह के पास पर्यटन और देव स्थान मंत्रालय था तो मंत्री रमेशचंद मीणा खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, उपभोक्ता मामले विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
लगातार दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट गुट को पार्टी से बाहर निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया। मंगलवार को विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बताया गया कि बगावत पर उतरे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था।
हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया। बैठक में शामिल नहीं हुए विधायकों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित गया। इसके तहत इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी विधायकों ने एकमत से सचिन पायलट को पार्टी से बाहर करने पर सहमति जताई। इसके पहले सीएम आवास पर सोमवार को दोपहर एक बजे विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई थी कि बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और बर्खास्त किया जाए।