Eng vs WI:कोविड-19 काल में खेले गए टेस्ट मैच

कोविड-19 महामारी (कोरोना वायरस संक्रमण) के चलते मार्च के बाद 117 दिन बाद क्रिकेट की वापसी हुई। इंग्लैंड के साउथम्पटन में खेले गए टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने मेजबान टीम को चार विकेट से हराया। तीन मैचों की सीरीज में इस तरह से वेस्टइंडीज ने 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। कोविड-19 महामारी के बीच क्रिकेट की वापसी हुई और इस रोमांचक टेस्ट मैच में क्रिकेट फैन्स को निराश नहीं किया। गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं करना, खाली स्टेडियम में मैच होना, एक्स्ट्रा डीआरएस मिलना जैसे तमाम नए नियमों के साथ खेले गए इस मैच में की पांच ऐसी बातें, जिन्होंने मैच का नतीजा तय किया।

कप्तान जैसन होल्डर ने अपनी टीम की फ्रंट से अगुवाई की। पहली पारी में उन्होंने 42 रन देकर छह विकेट झटके, जिसके चलते मेजबान टीम पहली पारी में महज 204 रनों पर सिमट गई। होल्डर ने दोनों पारियों में इनफॉर्म ऑलराउंडर इस मैच में टीम के कप्तान बेन स्टोक्स का विकेट लिया। इसके अलावा होल्डर ने जिस तरह से फील्ड सजाई और गेंदबाजी में परिवर्तन किया, वो भी सराहनीय रहा। 

इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर का टेस्ट क्रिकेट में खराब प्रदर्शन जारी रहा। इस टेस्ट मैच में उन्होंने 35 और 9 रनों की पारी खेली। ऐसा माना जा रहा था कि वो टेस्ट क्रिकेट में आएंगे और वनडे इंटरनैशनल की फॉर्म इसमें भी जारी रखेंगे। 11 टेस्ट मैचों में बटलर का औसत महज 21.38 है। इसके अलावा बटलर ने जर्मेन ब्लैकवुड का कैच उस समय ड्रॉप किया, जब वो 20 रन पर खेल रहे थे, जिसके बाद इस बल्लेबाज ने 95 रनों की मैच विनिंग पारी खेली।

33 वर्षीय जैक डेनली टीम में स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर पर शामिल हैं, लेकिन पहली पारी में 18 और फिर दूसरी पारी में वो 29 रन ही बना सके। अब वो लगातार आठ टेस्ट पारियों में 40 रनों तक भी नहीं पहुंच सके हैं। जैक क्रॉले ने दूसरी पारी में 76 रन बनाए। सीरीज के दूसरे टेस्ट में कप्तान जो रूट की वापसी के बाद अब जैक डेनली को बाहर बैठना पड़ सकता है।

कोविड-19 के चलते मैच खाली स्टेडियम में खेला गया, ऐसा लग रहा था कि बिना क्राउड के टेस्ट मैच काफी नीरस होगा, लेकिन खिलाड़ियों के बीच पैशन की कोई कमी नजर नहीं आई। दोनों टीमों के खिलाड़ियों के जोश ने इस मैच को और भी रोमांचक बना दिया।

इस मैच में प्लेइंग इलेवन में स्टुअर्ट ब्रॉड को मौका नहीं मिला। उनकी जगह जोफ्रा आर्चर को तरजीह दी गई। ब्रॉड खुद इससे काफी निराश थे, हालांकि जेम्स एंडरसन का मानना है कि यह अच्छे संकेत हैं क्योंकि इससे पता चलता है कि इंग्लैंड का तेज गेंदबाजी अटैक काफी मजबूत है। तमाम पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस बात पर हैरानी जताई थी कि ब्रॉड को प्लेइंग इलेवन में जगह कैसे नहीं मिली।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *