दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि पार्टी फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान अपने उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने वाले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाएगी और आने वाले दिनों में पार्टी के पुनर्गठन में ब्लॉक, जिला या राज्य स्तर के पद के लिए उन पर विचार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात की पहचान करने के लिए पर्याप्त फीडबैक हैं कि किन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया और वर्तमान में चल रहे संगठनात्मक पुनर्गठन में उन्हें किसी भी पद से वंचित करके दंडित किया जाएगा। इस साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटों पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के खाते में केवल 8 सीटें ही आई थीं।
11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शुरू हुई एक लंबी प्रक्रिया में पार्टी के उम्मीदवारों सहित विभिन्न पक्षों के साथ बैठकें आयोजित करके पार्टी द्वारा हार के कारणों पर मंथन कर फीडबैक लिया जा रहा है।
गुप्ता ने कहा कि केवल अनुशासित और मेहनती कार्यकर्ताओं या नेताओं को ही संगठन में ब्लॉक और जिला इकाइयों के अध्यक्ष और राज्य पदाधिकारी जैसे विभिन्न पदों के लिए योग्य माना जाएगा। जो लोग चुनावों में हमारे उम्मीदवारों के खिलाफ काम करके पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, उन्हें कोई पद नहीं दिया जाएगा।
पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए स्थानीय नेताओं के नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए 35 टीमों के गठन के साथ दिल्ली भाजपा के पुनर्गठन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। शॉर्टलिस्ट किए गए नामों को 9 जुलाई को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि जब हमें ब्लॉक अध्यक्षों और पर्यवेक्षकों के रूप में शॉर्टलिस्ट किए गए संभावित नेताओं के नाम प्राप्त होंगे तो उन्हें जिलाध्यक्षों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के नामों को अंतिम रूप देने के बाद राज्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी कवायद जुलाई के अंत तक होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय भाजपा नेतृत्व ने पार्टी की दिल्ली इकाई के पुनर्गठन प्रक्रिया की निगरानी के लिए पार्टी महासचिव अरुण सिंह और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष विजया रहाटकर की नियुक्ति किया है।