मिनेपोलिस में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद सभी जगहों से नस्लभेदी शब्दों को हटाया जाने लगा है। कई कंपनी ने नस्लभेदी शब्दों के हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। इसी क्रम में टि्वटर ने भी अपने कोडिंग लैंग्वेज से मास्टर, स्लेव और ब्लैकलिस्टक जैसे शब्दों को हटाने की घोषणा कर दी है।
यह फैसला तब लिया गया जब दो इंजीनियरों ने अधिक समावेशी प्रोग्रामिंग भाषा के उपयोग करने की पैरवी कंपनी से की। वहीं, अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेज भी कुछ ऐसे ही कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
टि्वटर इंजीनियरिंग टीम के प्रमुख माइकल मोनटानो ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा, शब्द बहुत मायने रखते हैं। हम अपनी कोडिंग, कॉन्फ्यूग्रेशन, दस्तावेजों और कई और जगहों पर एक समावेशी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, मास्टर और स्लेव शब्दों का उपयोग एक कोड द्वारा दूसरे कोड को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। वहीं, ब्लैकलिस्ट शब्द को इस्तेमाल किसी आइटम को स्वयं ही ब्लॉक करने के लिए किया जाता है जैसे कि कोई निषिद्ध आईपी एड्रेस।
इस सांसकृति बदलाव के दौर में पता चलता है कि कंपनियां भी तेजी से इन मामलों में बदलाव और समाधान की प्रक्रिया को अपना सकती है। अब टि्वटर में मास्टर और स्लेव की जगह कोडिंग भाषा में लीडर और फॉलोअर शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है। पहीं, प्राइमरी और रेपलिका जैसे शब्दों का भी विकल्प टि्वटर ने रखा है। वहीं ब्लैकलिस्ट शब्द की जगह डीनाएलिस्ट का उपयोग किया जाएगा। इंजीनियरिंग टीम द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर बहस हाल के हफ्तों में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के कारण बढ़ गई है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से कंपनियों में अश्वेत कर्मचारियों को प्रति हो रहे भेदभाव पर अब ध्यान दिया जाने लगा है।
जेपी मॉर्गन चेज भी अपनी कोडिंग की भाषा से मास्टर, स्लेव, ब्लैकलिस्ट जैसे शब्दों को बदल देगा। बैंक ने इस बारे में घोषणा कर दी है। टि्वटर और जेपी मॉर्गन चेज ने यह बदलाव करने का फैसला तब किया तब इंजीनियर रेगिनाल्ड ऑगस्टिन और केविन ओलिवर ने इसपर सवाल खड़े किए। ऑगस्टिन अश्वेत हैं और उन्हें यह प्ररेणा तब मिली जब इंजीनियरिंग टीम को ऑटोमेटिक स्लेव रिकिक शीर्षक से एक ईमेल आया। उन्होंने कहा, इसे देखकर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने इसे बदलने के लिए आवाज उठाई। इनके अलावा टि्वटर कुछ और शब्दों में भी बदलाव करेगा। ग्रैंडफादर्ड की जगह लेगेसी स्टेट और डमी वैल्यू का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, प्लेहोल्डर वैल्यू की जगह सैंपल वैल्यू का इस्तेमाल किया जाएगा।
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कुछ दिनों पहले ही अपने लोकप्रिय स्किनकेयर ब्रांड फेयर ऐंड लवली का नाम बदलकर अब ‘ग्लो एंड लवली’ कर दिया है। कंपनी ने अपने इस ब्रांड से फेयर शब्द हटाने का निर्णय लिया था। कंपनी का कहना है कि वह सकारात्मक सौंदर्य के नजरिए से ज्यादा समावेशी दृष्टिकोण रखते हुए इसका नाम बदल रही है। कंपनी मर्दों के लिए जो क्रीम लाएगी उनका ब्रांड नाम ग्लो एंड हैंडसम किया जा चुका है। नस्लभेद को लेकर दुनियाभर में चल रहे आंदोलनों के बाद यह फैसला लिया गया है।
सौंदर्य प्रसाधान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी लोरियल ग्रुप भी कह चुका है कि वह त्वचा के रखरखाव से संबंधित अपने उत्पादों से काले, गोरे और हल्के जैसे शब्दों को हटाएगा। लोरियल ने अपने बयान में कहा कि त्वचा का रंग बदलने वाले उत्पादों को लेकर उठ रही आपत्तियों को वह स्वीकार करती है। कंपनी इसे लेकर त्वचा संबंधी अपने सभी उत्पादों से गोरे, गोरेपन, श्वेत, सफेद, हल्का आदि शब्दों को हटाने का फैसला करती है। कई और कंपनियों भी इस तरह का कदम उठा रही हैं।