बनारस के पवन ने आतंकियों की गोलियों के बीच बचाई मासूम बच्चे की जान

कश्मीर के सोपोर में बुधवार को आतंकी हमले के दौरान मासूम बच्चे की जान बचाने वाले सीआरपीएफ के जवान पवन कुमार चौबे वाराणसी के रहने वाले हैं। अपने बेटे की बहादूरी सुन कर पिता सुभाष चौबे ने कहा कि बेटा देश सेवा के लिए गया और वह करके आज दिखा दिया। प्रशंसा सुन रहा हूं तो सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। फायरिंग से डरे-सहमे तीन साल के बच्चे को जब उठाया तो वह मेरे सीने से चिपक गया। पवन कुछ क्षणों तक बच्चे को सीने से नहीं हटा सके। बाद में पास में खड़े एसओजी के जवानों को उसे सौंपा और घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गए। उन्होंने बताया कि वे किसी तरह आतंकियों की तड़तड़ाती गोलियों के बीच पहुंचे रेंगकर पहुंचे और मासूम को बचाया। 

चौबेपुर थाना क्षेत्र के कादीपुर स्टेशन के समीप गोलढमकवां निवासी पिता सुभाष चौबे ने कहा कि बेटा देश सेवा के लिए गया और वह करके आज दिखा दिया। प्रशंसा सुन रहा हूं तो सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। पेशे से किसान पिता कहते हैं कि किसानी करके बच्चों को पढ़ाया हूं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी और चंद्रशेखर आजाद ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें खुली सांस दी। बेटा अब लोगों की हिफाजत के लिए तैनात है। यह मेरे लिए फख्र की बात है। बेटे की बहादुरी सुनकर उत्साहित पिता सुभाष श्याम नाराणय पांडेय की चेतक पर लिखी कविता की पंक्ति रण–बीच चौकड़ी भर–भरकर, चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा को पाला था…  सुनाने लगे।

पवन तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। बड़ा भाई अजय कुमार चौबे मुंबई में कारपेट कम्पनी में कार्यरत हैं। दूसरे नंबर पर बहन रंजना की शादी प्रयागराज के पास हुई है। सुभाष बताते हैं कि बेटे के बड़े ससुर पुलिस फोर्स में हैं। वह बेटे को हमेशा सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे। बताया कि दोपहर में फोन आया था। 

मां सुशीला देवी को दोपहर में टीवी के जरिए बेटे की वीरता के बारे में जानकारी मिली। कहा कि देखकर बहुत ही अच्छा लगा है। बेटे ने न केवल देश का बल्कि घर, परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। कहा कि मां भगौती (भगवती) से कामना करती हूं कि वह स्वस्थ रहे।  पत्नी शुभांगी चौबे बताती हैं कि जनवरी में वह यहां से गए हैं। दोपहर में फोन पर सबकुछ घटनाक्रम की जानकारी दी थी। एकबारगी मन में डर लगा लेकिन उनकी वीरता से ज्यादा देर तक नहीं रह सका। कहा कि मेरा बच्चा नहीं तो क्या हुआ बच्चा किसी का हो अपना ही होता है। मुझे उनपर काफी गर्व है। पवन को आठ साल का बेटा और पांच साल की बेटी है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *