सीमाओं पर बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने तो आईएसआई के जासूसी नेटवर्क पर अपनी नजरें गड़ा रखी हैं। सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म की सघन मॉनीटरिंग हो रही है तो पूर्व में संदेह के दायरे में आए लोगों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। हर खुफिया इनपुट पर तत्काल कार्रवाई भी हो रही है।
पूर्व में एटीएस ने ही आईएसआई के जासूसी नेटवर्क खासकर सेना की गतिविधियों की जासूसी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था। इसमें हनी ट्रैप से लेकर आतंकी फंडिंग तक के मामले शामिल रहे हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जिसमें आईएसआई का जासूसी नेटवर्क सीधे पाकिस्तान से संचालित होता पाया गया। आईएसआई का हैंडलर पाकिस्तान से ही पूरे गिरोह को आपरेट करता था। इसमें नेपाल के बैंकों में पैसे जमा कराकर उसे भारतीय बैंक खातों में ट्रांफसर कराना और फिर खातों से पैसे निकलवा कर अपने एजेंटों में बंटवाना भी शामिल रहा है।
ऐसे में पुराने सभी मामलों से जुड़े संदिग्धों की निगरानी कराई जा रही है। जेहाद के नाम पर लोगों को भड़काने वाले बरेली के इनामुलहक और जम्मू कश्मीर के सलमान खुर्शीद बानी को एटीएस ने खुफिया इनपुट के आधार पर ही गिरफ्तार किया था। अब दोनों से जुड़े दर्जन भर से ज्यादा लोग भी एटीएस के रडार पर हैं।
एटीएस के सूत्रों के बताया कि इस समय हर खुफिया इनपुट पर तत्काल कार्रवाई भी की जा रही है। पिछले दिनों हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) की अमेठी स्थित इकाई में कार्यरत एक अधिकारी समेत तीन लोगों से तत्काल पूछताछ की गई। एटीएस को इस इकाई से कुछ गोपनीय सूचनाएं लीक किए जाने की सूचना मिली थी।
हालांकि पूछताछ में कोई तथ्य सामने न आने पर तीनों को छोड़ दिया गया। आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद राशिद के सहयोगियों की तलाश में खुद एनआईए लगी हुई है। एनआईए ने चंदौली में राशिद के ठिकानों पर छापा मारा था। राशिद को एटीएस ने ही गिरफ्तार किया था। राशिद भारतीय सेना के मूवमेंट और ठिकानों की जानकारी आईएसआई को दे रहा था।