पीसीबी की वीजा मांग पर बीसीसीआई का करारा जवाब—-

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सीईओ वसीम खान ने कहा है कि उन्होंने आईसीसी को खत लिखकर कहा है कि वो इस बात को आश्वास्त करे कि पाकिस्तान टीम जब टी-20 वर्ल्ड कप-2021 और वनडे वर्ल्ड कप-2023 के लिए भारत जाएगी तो खिलाड़ियों के वीजा की कोई समस्या नहीं होगी। इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा कि पीसीबी से इस बात की गारंटी ली जाए कि ‘कोई आतंकी हमला नहीं होगा।’ भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंध लंबे समय से खराब चल रहे हैं, दोनों टीमें के बीच मैच आईसीसी इवेंट्स में ही खेला जाता है।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि आईसीसी के नियम साफ कहते हैं कि खेल को चलाने में किसी तरह का सरकारी दखल नहीं होगा। यही बात क्रिकेट बोर्ड पर भी लागू होती है और उसे भी सरकार के काम में दखल नहीं देना चाहिए। अधिकारी ने फिर पीसीबी से कहा कि वीजा पर भारतीय बोर्ड से आश्वसान मांगने से पहले वो लिखित में यह गारंटी दें कि सीमा पर कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं होगी। अधिकारी ने कहा, ‘क्या पीसीबी इस बात की लिखित गारंटी दे सकती है कि पाकिस्तान सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर किसी तरह की घुसपैठ नहीं होगी और सीज फायर का उल्लंघन नहीं होगा, भाररत की जमीन पर किसी तरह की आतंकी गतिविधियां नहीं होंगी, पुलवामा की तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होंगी?’ उन्होंने कहा, ‘आईसीसी का नियम है कि क्रिकेट बोर्ड के कामकाज में सरकार का दखल न हो और यह स्वाभाविक है कि खेल बोर्ड भी सरकार के काम में दखल नहीं दें। यह पीसीबी को समझना चाहिए और आईसीसी में एक ऐसे संघ के तौर पर नजर आना बंद करना चाहिए, जो भारत के खिलाफ काम करता है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि भारत एक शानदार देश है और सर्वाधिक संतुलित तरीके से काम करता है।’ वसीम ने यूट्यूब चैनल क्रिकेटबाज को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हम इस बात को जानते हैं कि आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप-2021 और वनडे वर्ल्ड कप-2023 भारत में होने हैं और हमने आईसीसी से कह दिया है कि वह हमें बीसीसीआई से लिखित में आश्वासन दे कि हमें वीजा संबंधी परेशानी नहीं आएगी।’ उन्होंने कहा कि अलग-अलग खेलों की पाकिस्तान टीमों को भारत सरकार की तरफ से हाल के दिनों में वीजा नहीं दिया गया है। इसलिए हम यह आश्वासन चाहते हैं। हालांकि वसीम के बयान में ज्यादा दम नहीं है, क्योंकि भारत सरकार ने कई राष्ट्रों के टूर्नामेंट्स में अलग-अलग देशों के खिलाड़ियों को वीजा देने के मुद्दे को 2019 में ही सुलझा लिया था। 

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