अब कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आते ही 12 दिन के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। अस्पताल से छुट्टी पाने के बाद ऐसे मरीजों को एक हफ्ते तक घर में ही क्वारंटाइन रहना पड़ेगा। अब गंभीर मरीजों को 14 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है। इस बारे में आईसीएमआर की गाइड लाइन आने के बाद प्रदेश ने सभी डीएम, सीएमओ और अस्पतालों के सीएमएस को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दिशा-निर्देश के तहत यह जरूर कहा गया है कि डिस्चार्ज करने पहले यह जरूर देख लिया जाए कि रोगी में किसी प्रकार के कोरोना वायरस के लक्षण न मिल रहे हों। डिस्चार्ज करने से पहले तीन दिनों तक लगातार रोगी के बुखार न आए। रोगी में ऑक्सीजन की स्थिति बिना किसी सपोर्ट के 94 फीसदी से ऊपर पाई जाए। रोगियों के लक्षण विहीन होने के तीन दिन बाद फॉलोअप जांच ट्रू नेट विधि से की जाए। पहले नमूने की जांच किए जाने के बाद 12 दिन यह जांच की जाएगी। इसमें रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद रोगी को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। दिशा निर्देशों के तहत गंभीर रोगियों की श्रेणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन दिए जाने के बाद भी स्थिति न संभल रही हो। ऐसे मरीजों को वेंटीलेटर की सुविधा तुरंत दी जाए। ऐसे मरीज भी गंभीर रोगी की श्रेणी में आएंगे, जो कैंसर, एचआईवी रोग से पहले से ग्रस्त हों। उन्होंने पहले अंग प्रत्यारोपण कराया हो। इन सभी प्रकार के कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन बेडों पर भर्ती किया जाएगा। जिन्हें खांसी, बुखार, गले में खरास व सांस लेने में परेशानी हो। ऐसे मरीज मध्यम तीव्रता लक्षणों की श्रेणी में आएंगे। इन्हें भी एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पतालों में भेजा जाएगा।
ऐसे मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज से पहले इनसे होम क्वारंटाइन रहने की शर्तों पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे। इनके तीमारदारों के भी हस्ताक्षर होंगे। डिस्चार्ज होने के 14 दिन बाद फिर से लक्षण दिखाई पड़ने पर ऐसे मरीजों को फिर से नए रोगी के तौर पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा।