8 जून को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों द्वारा मारे गए कांग्रेस सरपंच अजय पंडित की बेटी नियंता पंडित ने कहा कि उन्होंने मेरे पिता को पीछे से गोली मारी… वे कायर हैं, उन्हें पता था ऐसे कुछ नहीं होने वाला अजय पंडित को उन्हें चुपके से वार करना होगा।
आपको बता दें कि कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडित की आठ जून को आतंकियों ने शाम छह बजे अनंतनाग जिले के लारकीपुरा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस वारदात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था कि कश्मीर में हिंसा कभी नहीं जीतेगी। गांधी ने ट्विटर पर कहा था कि पंडिता ने कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अपना बलिदान दिया। अजय पंडिता के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना, जिन्होंने कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। हम दुख की इस घड़ी में आपके साथ खड़े हैं। हिंसा कभी नहीं जीतेगी। दक्षिण कश्मीर में आतंकियों द्वारा एक कश्मीरी पंडित सरपंच की गोली मारकर हत्या के दो दिन बाद समुदाय के पंचायत सदस्यों ने घाटी में काम करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की। संबंधित घटनाक्रम में ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस (एजेकेपीसी) के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि प्रशासन को आगे आकर पंचायत सदस्यों को विश्वास दिलाना होगा जो हाल ही में हत्या के मामले से दहशत में आकर इस्तीफे देने पर विचार कर रहे हैं।
दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के लारकीपुरा में सोमवार को आतंकवादियों ने 40 वर्षीय अजय पंडित की उनके पैतृक गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह इलाके की लुकवाबन पंचायत के सरपंच थे। पुलवामा जिले के काकापुरा प्रखंड में लाजूरा हलका के सरपंच मनोज पंडित ने कहा कि 2018 के पंचायत चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत अच्छी पहल थी और हमने आतंकवादियों की धमकियों तथा कश्मीर के नाजुक हालात के बावजूद समर्थन दिया।
सरपंच की हत्या के खिलाफ यहां प्रदर्शनी मैदान पर आयोजित प्रदर्शन में करीब छह कश्मीरी पंडित जमा हुए थे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो दिन हो गए लेकिन प्रशासन या केंद्र के एक भी व्यक्ति ने मारे गये सरपंच के घर जाकर परिवार को सांत्वना देना जरूरी नहीं समझा।
महेश धर नामक एक अन्य सरपंच ने कहा कि उन्हें जिला प्रशासन और सरकार से कोई सहयोग नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा, ”उन्होंने हमारे सुरक्षा के लिए क्या किया? अनिल शर्मा ने सरकार से मांग की कि निर्वाचित पंचायत सदस्यों की सुरक्षा की मांग पर विचार किया जाए।