कोरोना संस्कृति…पढ़ो ना…देखो ना….डरो ना !

Dr.s.k.srivastava

दुनिया ले के बैठी थी :परमाणु
और ठोक गया एक :कीटाणु

कल रात सपने में आया *कोरोना….
उसे देख जो मैं डरा…
तो मुस्कुरा के बोला : मुझसे डरो ना…।।

कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति…
न चूमते, न गले लगाते…
दोनों हाथ जोड़ कर तुम स्वागत करते…।।
वही करो ना…
मुझसे डरो ना…।

कहाँ से सीखा तुमने ??
रूम स्प्रे, बॉडी स्प्रे…
पहले तो तुम धूप, दीप, कपूर, अगरबत्ती, लोभान जलाते…
वही करो ना…
मुझसे डरो ना…।।।

शुरू से तुम्हें सिखाया गया…
अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो…
मत भूलो अपनी संस्कृति…
वही करो ना…
मुझसे डरो ना…।।

सादा भोजन उच्च विचार…
यही तो है तेरे संस्कार…
उन्हें छोड़ जंक फूड फ़ास्ट फूड के चक्कर में पड़ो ना…
मुझसे डरो ना…।।

शुरू से ही पशु पक्षियों को पाला पोसा प्यार दिया…
रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति…
उनका भक्षण करो ना…
मुझसे डरो ना!

कल रात सपने में आया
कोरोना…
बोला…
अपनी संस्कृति का ही पालन करो ना।
मुझसे डरो ना !

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