भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारी महीने भर से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे विवाद को हल करने के लिए आज सुबह उच्च प्रतिनिधि-स्तर की वार्ता आयोजित करने के लिए तैयार हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने विवादित हिमालयी सीमा पर तनाव के बढ़ने पर चर्चा के दो दिन बाद ये होने जा रहा है। बता दें कि इस बैठक से पहले चीन में अपना कमांडर बदला है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया गया कि शुक्रवार की बैठक के दौरान, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि उनके नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुसार, उन्हें “एक दूसरे की संवेदनाओं, चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने मतभेदों को संभालना चाहिए और उन्हें विवाद नहीं बनने देना चाहिए”। शनिवार की बैठक लगभग 11:30 बजे शुरू होगी। यहां अधिकारियों के बीच एक अनौपचारिक बातचीत के बाद नाश्ते की तैयारी होगी। इसके बाद औपचारिक प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता शुरू होगी। यह वार्ता चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल के चीनी पक्ष में होगी।
अधिकारियों के भारतीय प्रतिनिधिमंडल में 10 अन्य अधिकारियों के साथ 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह शामिल होंगे जो चीनी समकक्षों के साथ पहले की बैठकों का हिस्सा थे। प्रतिनिधिमंडल के चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल लिन लियू, कॉर्प्स कमांडर, दक्षिण झिंजियांग सैन्य प्रभाग और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10 अन्य अधिकारियों द्वारा किया जाएगा जो भारत के साथ पहले की बातचीत का हिस्सा थे।
पिछले महीने सिक्किम और लद्दाख सेक्टर में सैकड़ों भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद LAC पर तनाव बढ़ गया था। दोनों पक्षों के सेना अधिकारियों ने विवादित सीमा पर कई बैठकें कीं, लेकिन गतिरोध को तोड़ने में असमर्थ रहे।