बिहार सहित पूरे देश में लॉकडाउन समाप्त हो गया और अब अनलॉक-1 शुरू हो चुका है। इसमें कई छूट भी आमलोगों को दी गयी है लेकिन अबतक राज्य के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों (पीएचसी) में ओपीडी (बाह्य चिकित्सा कक्ष) की सेवाएं शुरू नहीं की गई हैं। इसके कारण राज्य में 534 पीएचसी में सामान्य बीमारियों का इलाज शुरू नहीं हुआ है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य रोगों के मरीजों को इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
कोरोना का संक्रमण शुरू होने के ठीक बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की सेवा बंद कर दी गयी थी। इनमें पीएचसी के डॉक्टरों की सेवा क्वारंटाइन सेन्टरों और कॉल सेन्टरों के माध्यम से ली जा रही है। साथ ही, इनकी ड्यूटी कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान, स्क्र्रींनग में भी ली जा रही है। बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर इन्हीं डॉक्टरों को भेजा जा रहा है। इसके साथ ही करीब 1300 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) भी बंद हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के पूर्व प्रत्येक पीएचसी पर प्रतिमाह औसतन 10 हजार मरीज आते थे। इनमें गंभीर और सामान्य रोगों के मरीज शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान इन लोगों ने जिला नियंत्रण कक्ष के माध्यम से इलाज के लिए सलाह ली।