मॉनसून बढ़ाएगा मुसीबत, संक्रमण में हो सकता है और इजाफा

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मॉनसून की दस्तक मुसीबत बढ़ा सकती है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जून के अंत या जुलाई में मॉनसून के सक्रिय होने के साथ संक्रमण में और इजाफा हो सकता है। इसी मौसम में जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू और मलेरिया के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य एजेंसियों और नगर निकायों पर भी दबाव बढ़ेगा, जो पहले ही कोरोना से जंग में पूरी ताकत झोंक चुके हैं।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के शोधकर्ताओं ने कहा कि मॉनसून में संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। तापमान में कमी से इसमें उछाल की आशंका है। आईआईएससी बेंगलुरु के प्रोफेसर राजेश सुंदरेशन ने कहा कि आवाजाही में ढील से पहले ही बढ़ते मामलों से चिंता है और मॉनसून से यह कहना मुश्किल होगा कि ग्राफ कितना और ऊपर जाएगा। दिल्ली, मुंबई में डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों से लड़ाई में ही स्वास्थ्यकर्मियों को बड़ी टीम जुटानी पड़ेगी। बिना क्लोरीन के नल वाले पानी में दो दिन जिंदा रह सकता है वायरस, अस्पताल के गंदे पानी में भी 20 डिग्री के तापमान तक रह सकता है, सीवेज पानी में हफ्तों तक रहता है। एयरोसोल या खांसी-जुकाम के दौरान बाहर आने वाली बूंदों से फैलता है। लेकिन जलवायु में बदलाव के साथ इन बूंदों में वायरस ज्यादा देर तक जिंदा रह सकता है।विशेषज्ञों ने कहा है कि सभी राज्यों ने कोरोना से जंग में ही स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर सभी स्थानीय एजेंसियों का पूरा अमला झोंक रखा है। ऐसे में बाढ़, इंसेफेलाइटिस, डेंगू-मलेरिया जैसे रोगों से लड़ने को कर्मचारियों व बजट की कमी से संकट बढ़ेगा।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *